पश्चिमी अफ्रीका के समुद्र में लापता तेल के टैंकर का पता लग गया है। मंगलवार को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस बात की जानकारी अपने ट्वीटर हैंडल पर दी। उन्होंने लिखा कि अफ्रीका के बेनिन तट से दूर शनिवार को लापता हुए तेल टैंकर पोत को छुड़ा लिया गया है। इससे पहले इस तेल टैंकर की समुद्री डाकुओं द्वारा अगवा करने की खबर चल रही थी, जिसके चालक दल में 22 भारतीय हैं।
विदेश मंत्री ने अपने ट्वीटर हैंडल ट्वीट करते हुए लिखा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि 22 भारतीयों सहित मर्चेंट शिप मरीन एक्सप्रेस को छुड़ा लिया गया है। हम नाइजीरिया और बेनिन की सरकारों को उनकी मदद और समर्थन के लिए धन्यवाद देते हैं। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, समुद्री डाकुओं ने चार दिन बाद चालक दल के सभी सदस्यों को छोड़ दिया है। वे सुरक्षित हैं और उनका अगला सफ़र शुरू हो गया है। बता दें कि सुषमा स्वराज ने लापता तेल टैंकर का पता लगाने में मदद मांगने के लिए कल नाइजीरिया के अपने समकक्ष से बात की थी। मुंबई में नौवहन की महानिदेशक मालिनी शंकर ने जानकारी दी कि मरीन एक्सप्रेस नाम के जहाज को छोड़ दिया गया है और यह अब कप्तान की कमान में है। अभी स्पष्ट नहीं हो सका है कि पोत और सामान को छुड़ाने के लिए फिरौती दी गई है या नहीं।
बता दें कि मरीन एक्सप्रेस को एक फरवरी को बेनिन में गिनी की खाड़ी से समुद्री डाकुओं ने अगवा कर लिया था, जिसके बाद संपर्क प्रणालियों को भी रोक दिया गया था। जहाज मैनिंग एजेंट ‘एंग्लो इर्स्टन’ ने फेसबुक पर एक पोस्ट किया। जिसके चलते लोगों को यह बताया गया कि पनामा के ध्वजवाहक इस पोत को समुद्री डाकुओं ने अगवा कर लिया था।उन्होंने जहाज को सुरक्षित छोड़े जाने की पुष्टि की। पोस्ट में बताया गया है कि जहाज में 13,500 टन गैसोलिन अब भी है।
इस तरह की भी घटनाएं हैं कि समुद्री डाकुओं ने फिरौती की मांग किए बिना जहाज पर मौजूद सामान को लेकर पोत और चालक दल के सदस्यों को जाने दिया है। इस घटना के संबंध में डीजीएस के अधिकारियों ने नाइजीरिया में भारतीय मिशन से संपर्क किया, जो स्थानीय एजेंसियों के साथ बचाव प्रयासों में समन्वय कर रहा था। बेनिन के तट के पास जनवरी में एमटी बैरेट नाम के पोत के लापता होने के एक महीने से भी कम वक्त में यह जहाज लापता हुआ था। बाद में पुष्टि हुई थी कि एमटी बैरेट को अगवा कर लिया गया था। इस पोत पर चालक दल के 22 सदस्य थे, जिसमें से अधिकतर सदस्य भारतीय थे। इसे फिरौती देने के बाद छोड़ा गया था।