मुंबई ।। बजट-2019 आने में कुछ दिन बचे हैं। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार ऐसी संभावना की तलाश कर रही है जिसमें नकद निकासी से अधिक डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा मिले। वास्तव में सरकार एक ऐसे प्रस्ताव को लाने पर विचार कर रही है, जिसमें सालाना दस लाख नकद निकालने पर कर (TAX) लगाया जा सके।
मोदी सरकार की मंशा है कि वो अधिक से अधिस डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दे सके और कागजी मुद्र का इस्तेमाल कम से कम हो सके। साथ काले धन पर लगाम लगाई जा सके। खबर के मुताबिक, सरकारी सूत्रों ने बताया कि सभी हाई वैल्यू कैश विदड्रॉल के लिए आधार को अनिवार्य करने का प्रस्ताव विचाराधीन है।
यदि आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य हो जाता है तो बड़ी रकम निकालने वाले लोगों की पहचान करने और उनके टैक्स रिटर्न का मिलान आसानी से हो सकेगा। वास्तव में आधार और OTP इस बात को सुनिश्चित करेगा कि आधार संख्या का गलत इस्तेमाल न हो।
मोदी सरकार के मुताबिक, देश के ज्यादातर लोगों और व्यवसायों को दस लाख रुपए से ज्यादा की सालाना नकदी की आवश्यकता नहीं है। बजट से पहले इस स्कीम पर भी विचार कर लिया गया है। वैसे अभी इस योजना को अंतिम रूप नहीं किया गया है। मोदी सरकार इस मामले में पूरी तरह से साफ है कि मध्यम और गरीबों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो और उन पर किसी तरह का बोझ ना बढ़े।