जानिए दावोस सम्मेलन के बारे में कुछ खास बातें

वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम में पीएम मोदी

राजेश सोनी | Navpravah.com 

दावोस सम्मेलन की बैठक आज जारी है और इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत के पीएम मोदी भी पहुंचे है। पीएम मोदी देश के ऐसे प्रधानमंत्री हैं, जो 20 साल के बाद दावोस सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे है। दुनिया भर में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए होने वाले सम्मेलनों में से एक है दावोस सम्मेलन। आईये जानते हैं दावोस सम्मेलन की कुछ खास बातें,

पांच दिन तक चलने वाले इस 48वें दावोस सम्मेलन में व्यापार, कला, राजनीतिक, शिक्षा और कई अन्य क्षेत्रों से बड़ी हस्तियां शिरकत करेंगी। इस सम्मेलन में भारत की ओर से पीएम मोदी समेत 130 अन्य लोग शामिल होंगे। 23 जनवरी को पीएम मोदी ओपनिंग प्लेनरी सेशन में भाषण कर, दावोस में आए लोगों को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी केंद्र सरकार द्वारा देश में किए गए, अर्थ सुधारों का जिक्र कर सकते हैं और निवेशकों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं। 1997 में एचडी देवगौड़ा बतौर प्रधानमंत्री, पीएम नरेंद्र मोदी से पहले दावोस सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे थे।

खबरों के मुताबिक, पीएम मोदी स्विट्ज़रलैंड के साथ द्विपक्षीय बातचीत में हिस्सा लेंगे। इस बातचीत का आयोजन दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने के लिए किया गया है। इस सम्मेलन में शिरकत करने वाली 1500 हस्तियों को भारत के द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में आमंत्रित किया गया है। स्वागत समारोह में शिरकत करने वाले मेहमानों को भारतीय खाना परोसा जाएगा और योग के महत्व के बारे में भी बताया जाएगा। दावोस शहर स्विट्ज़रलैंड के खूबसूरत शहरों में से एक है। यह शहर दोनों तरफ आल्प्स पर्वत श्रृंखला से घिरा हुआ है। यह शहर वासर नदी से सटा हुआ शहर है। इस शहर की आबादी सिर्फ 11 हज़ार और और यह शहर कुदरत के गोद में है, ऐसा लगता है।

pc: livemint

पीएम मोदी के पास बयां करने के लिए है महान कहानी-

स्पाइसजेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भारत में किए गए महत्वपूर्ण सुधारों, युवा आबादी और दुनिया के लिए एक बड़े बाजार तथा 1.4 अरब भारतीयों के बारे में बताने के लिए महान कहानी है। उन्होंने कहा कि इस कहानी को बताने के लिए मोदी से बेहतर और कोई नहीं हो सकता है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यू.ई.एफ.) की शिखर बैठक में शिरकत करने पहुंचे सिंह ने कहा कि यह भारत के लिए बहुत बड़ा अवसर है, क्योंकि भारतीय प्रधानमंत्री 20 साल बाद दावोस बैठक में भाग ले रहे हैं।

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