बेंगलुरु। कनार्टक में बागी विधायकों को मनाने के लिए कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के नेता हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। वहीं, बागी विधायक इस्तीफा वापस न लेने पर अड़े हुए हैं। दरअसल, कांग्रेस के बागी विधायक एम टी बी नागराज को मनाने की कोशिशें असफल रहीं। नागराज रविवार को मुंबई चले गए जहां उन्होंने स्पष्ट किया कि त्यागपत्र वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के नेताओं ने शनिवार को नागराज से बातचीत की थी ताकि कर्नाटक में एच।डी। कुमारस्वामी नेतृत्व वाली सरकार को बचाने के लिए उन्हें मनाया जा सके।
मुंबई से रवाना होने से पहले संवाददाताओं से बात करते हुए होस्कोटे के विधायक नागराज ने कहा था कि वह चिकबल्लापुर के विधायक के। सुधाकर से बातचीत के बाद अपना इस्तीफा वापस लेने पर अंतिम फैसला लेना चाहते हैं। बाद में मुंबई पहुंचने के बाद उन्होंने कहा कि उनके त्यागपत्र वापस लेने का सवाल ही नहीं उठता है। नागराज ने कहा कि इस्तीफा देने वाले सभी विधायक एकजुट हैं।
शिवकुमार ने कहा, विधायकों की सदस्यता चली जाएगी
कांग्रेस के ‘संकटमोचक’ डी। के। शिवकुमार ने भरोसा जताया है कि विश्वासमत प्रस्ताव के वक्त उनके सभी विधायक पार्टी के साथ आ जाएंगे। उन्होंने कहा, मुझे हमारे सभी विधायकों पर भरोसा है। वे कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुने गए हैं और लंबे वक्त से पार्टी में हैं। वे अपने इलाकों में टाइगर की तरह लड़े हैं। शिवकुमार ने आगे कहा, विश्वासमत प्रस्ताव के वक्त सभी कानून के मुताबिक चलेंगे। कानून एकदम साफ है। अगर वे विश्वासमत के खिलाफ वोट देते हैं तो उनकी सदस्यता चली जाएगी। कांग्रेस पार्टी उनकी मांगों को पूरा करने के लिए तैयार है। हमें संकेत मिल रहे हैं कि वे हमारी सरकार को बचाएंगे।
येदियुरप्पा ने कहा, इस्तीफा दें कुमारस्वामी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री कुमारस्वामी का इस्तीफा मांगा। उन्होंने कहा, मैं मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी से कहना चाहता हूं कि वह तुरंत इस्तीफा दें या उन्हें सोमवार को विश्वास मत हासिल करना चाहिए। क्योंकि उनके (जेडीएस) और कांग्रेस के 15 से ज्यादा विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि दो निर्दलीय विधायकों ने भी मंत्रिपद से इस्तीफा दिया है जो दिखाता है कि वे भाजपा का पक्ष लेंगे।
आज बहुमत साबित कर सकते है कुमारस्वामी
जेडीएस सूत्रों के मुताबिक,कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित कर सकते हैं। क्योंकि मुख्यमंत्री ने खुद शुक्रवार को विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार से बहुमत साबित करने के लिए वक्त मांगा था। इस पर स्पीकर ने भरोसा दिलाया था कि वे जिस दिन कहेंगे, उन्हें इसके लिए वक्त दिया जाएगा।
विश्वासमत साबित करने पर क्या होगा?
– अगर 16 बागी विधायक सरकार के खिलाफ वोटिंग करें। इस स्थिति में सरकार के पक्ष में 100 वोट पड़ेंगे। ये संख्या बहुमत के लिए जरूरी 112 के आंकड़े से कम है। ऐसे में कुमारस्वामी सरकार सदन में विश्वासमत खो देगी।
-बागी विधायक सदन से अनुपस्थित रहें। इस स्थिति में विश्वासमत के समय सदन में सदस्य संख्या 207 रह जाएगी। बहुमत के लिए जरूरी आंकड़ा 104 का हो जाएगा। लेकिन, बागियों की अनुपस्थिति में सरकार के पक्ष में केवल 100 वोट पड़ेंगे और सरकार गिर जाएगी।
-अगर विधानसभा अध्यक्ष बागियों को अयोग्य ठहरा देते हैं तो भी सदन में विश्वासमत के वक्त सरकार को बहुमत के लिए 104 का आंकड़ा चाहिए। यह उसके पास नहीं होगा। ऐसे में भी सरकार गिर जाएगी।