पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना ने अहम चोटियों पर कब्जा कर लिया है और चीनी सैनिकों पर बढ़त हासिल कर ली है। दरअसल, इस बढ़त के पीछे भारतीय सैनिकों का दमखम और पहाड़ी इलाकों में लड़ने की कुशल क्षमता है। आलम यह है कि जब भारतीय सैनिकों ने अगस्त के आखिर में चीन की घुसपैठ को नाकाम कर ऊंचाई वाली जगहों पर अपना कब्जा किया, तब एक चीनी अफसर ने इन इलाकों पर वापस कब्जा हासिल करने के लिए काउंटर अटैक से इनकार कर दिया था।
चुशूल देमचोक सड़क पर नजर नहीं रख पा रही चीनी सेना
न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने एक्सपर्ट रिटायर्ड कर्नल रनबीर सिंह जाखड़ के हवाले से यह बात कही है। उन्होंने बताया कि भारतीय सैनिक अब अहम इलाकों में मजबूत स्थिति में हैं और इसके चलते चीनी सैनिकों को मुश्किल आ रही है। अब चीन की सेना चुशूल-देमचोक सड़क पर भी ठीक तरह से नजर नहीं रख पा रही है। भारतीय सैनिकों का सामना करने के डर से चीन के सैनिकों को नींद नहीं आ रही है।
भारतीय सैनिक पूरी दुनिया में सबसे बेहतर
कर्नल जाखड़ के मुताबिक, जब बात माउंटेन वारफेयर की हो तो भारतीय जवानों का प्रशिक्षण चीन के सैनिकों से ज्यादा बेहतर तरीके से होता है। हाल के दिनों में भारतीय सेना ने चीन की सरकार को यह दिखा दिया है कि मशीनों के पीछे खड़े इंसान मायने रखते हैं ना कि मशीनें। रिटायर्ड कर्नल का कहना है कि भारतीय सैनिक देशभक्ति से भरे होते हैं और वो अदम्य साहस के साथ जंग लड़ते हैं, दूसरी ओर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों (पीएलए) के लिए सेना में भर्ती होना अनिवार्य होता है।