हेल्थ डेस्क। आंखों में होने वाली बीमारियां हमें देखते ही समझ आने लगती है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि धुंधलापन छाने लगता हैं और साफ दिखना बंद हो जाता है। ऐसे में कई बार हम उस बिमारी को पहचान नहीं पाते हैं।
आपको बता दें कि इससे जुड़ी बिमारी का नाम है मोतियाबिंद (cataracts) जो कि आजकल लोगों में बहुत देखी जाती है। इस समस्या में देखने में बहुत ज्यादा परेशानी होने लगती है और नौबत ऑपरेशन करवाने की तक आ जाती है।
आयुर्वेद में ऐसे कई नुस्खें बताए गए हैं जिनकी मदद से बिना ऑपरेशन के इस समस्या का हल निकाला जा सकता हैं। आज हम इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।
रोग का पता लगते ही निर्मली को शहद में घिसकर आँखों में लगाने से समस्या दूर हो जाती है।
सौंफ का हरा पेड़ लाकर कांच के बर्तन या चीनी मिट्टी के बर्तन में रख लीजिये, जब यह सूख जाए तब पीसकर छान लें। इसको सुरमे की तरह आँखों में लगाने से मोतियाबिंद(cataracts) दूर हो जाता है। यह प्रयोग एक से तीन महीने तक लगातार करें।
नौशादर को महीन पीसकर सुरमे की तरह नेत्रों में लगाने से मोतियाबिंद (cataracts) ठीक हो जाता है।
सफ़ेद प्याज के रस में बराबर शहद मिला कर आँखों में सुबह शाम लगाने से कुछ दिनों में मोतियाबिंद (cataracts) सही होने लगता है।
जिस स्त्री को हाल ही में लड़का हुआ हो उस स्त्री के दूध में भीमसेनी कपूर को पीसकर आँखों में लगाने से मोतियाबंद ठीक हो जाता है।
बच, हींग, सौंठ तथा सौंफ इन सब को बराबर मात्रा में लेकर महीन पीस लें और शहद में मिला लें। इसमें से तीन या चार ग्राम नित्य खाने से मोतियाबिंद (cataracts) बढ़ने नहीं पाता तथा धीरे धीरे ठीक हो जाता है। इस माजून को मोतियाबिंद (cataracts) शुरू होते ही खांा शुरू कर देना चाहिए। जितना जल्दी शुरू करेंगे उतना ही जल्दी ये असर करेगा। जब तक सही ना हो तब तक खाते रहें।