मुंबई ।। टीम इंडिया के पूर्व खिसाड़ी गौतम गंभीर ने परोक्ष तौर पर टीम इंडिया के दिग्गज खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी पर निशाना साधा है। उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि जैसा उनके, सचिन और सहवाग के साथ किया गया वैसा ही व्यवहार धोनी के साथ होना चाहिए।
गंभीर ने कहा है कि महेंद्र सिंह धोनी ने जिस तरह युवा खिलाड़ियों की मांग करके बतौर कप्तान भविष्य में निवेश किया, उसी तरह उनके बारे में ‘व्यवहारिक फैसले’ लेने की जरूरत है क्योंकि युवा खिलाड़ी इंतजार में खड़े है।
ऐसी अटकलें हैं कि धोनी World Cup में टीम इंडिया के लिए आखिरी वनडे खेल चुके हैं। टीम इंडिया को सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने हराया था। चयन समिति की बैठक रविवार को होगी जिसमें वेस्टइंडीज दौरे के लिए टीम का चयन किया जाएगा। इसमें पूरा फोकस धोनी पर रहेगा और गंभीर का मानना है कि जज्बात से परे फैसला लेना होगा।
गंभीर ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि भविष्य के बारे में सोचना जरूरी है। धोनी जब कप्तान थे तब उन्होंने भविष्य में निवेश किया। मुझे याद है कि धोनी ने आस्ट्रेलिया में कहा था कि मैं, सचिन और सहवाग तीनों सीबी सीरिज नहीं खेल सकते क्योंकि मैदान बड़े हैं।’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने World Cup के लिए युवा खिलाड़ी मांगे थे।
जज्बाती होने की बजाय व्यवहारिक फैसले लेना जरूरी है। युवाओं को मौका देने की जरूरत है। चाहे वह ऋषभ पंत हो, संजू सैमसन, ईशान किशन या कोई और विकेटकीपर, जिसमें भी क्षमता दिखे, उसे विकेटकीपर बनाया जाना चाहिए।’ गंभीर ने कहा कि युवाओं को जब तक पर्याप्त मौके नहीं मिलेंगे, वे टीम इंडिया के लिए अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि उन्हें डेढ साल मौका दें और अगर वे अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते तो किसी और को आजमाया जाए। इससे पता चल जाएगा कि अगले World Cup में विकेटकीपर कौन होगा। क्रिकेट से राजनीति में आए गंभीर ने कहा धोनी टीम इंडिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से हैं लेकिन टीम की सफलता का पूरा श्रेय उन्हें देना और विफलता का ठीकरा उन पर फोड़ना गलत है।