इशिका गुप्ता| navpravah.com
नई दिल्ली | जेल से रिहाई के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपने समर्थकों के बीच जोश भरे अंदाज में संबोधन किया। उन्होंने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए बड़ा ऐलान किया कि दो दिन बाद वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। उनका कहना था कि उन पर और मनीष सिसोदिया पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण उन्होंने यह निर्णय लिया है। केजरीवाल ने जनता से सीधा सवाल किया कि क्या वे उन्हें ईमानदार मानते हैं या नहीं।
अपने संबोधन में केजरीवाल ने कहा कि वे राजनीति में सिर्फ सत्ता के लिए नहीं, बल्कि ईमानदारी से देश की सेवा करने के लिए आए थे। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे अब एक अग्निपरीक्षा के लिए तैयार हैं और जनता के निर्णय का सम्मान करेंगे। केजरीवाल का कहना था कि यदि जनता उन्हें ईमानदार मानती है, तो उन्हें फिर से वोट दे। उनका मुख्यमंत्री पद पर बने रहना या न रहना अब जनता के हाथ में है।
उन्होंने यह भी ऐलान किया कि आम आदमी पार्टी से ही कोई अन्य नेता मुख्यमंत्री बनेगा, लेकिन वे और मनीष सिसोदिया जनता की अदालत में जाएंगे। उनका कहना था कि अगर जनता उन्हें ईमानदार मानेगी, तो वे फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे। इसका सीधा मतलब था कि अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद मनीष सिसोदिया भी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे।
केजरीवाल ने अपने संबोधन में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी की साजिशें आम आदमी पार्टी के हौंसले को तोड़ नहीं पाईं। उनका कहना था कि जेल में भेजे जाने का असली मकसद भ्रष्टाचार नहीं, बल्कि पार्टी और सरकार को तोड़ने की कोशिश थी। लेकिन उन्होंने साफ तौर पर कहा कि वे और उनकी पार्टी इससे कमजोर नहीं हुए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी ने देश की राजनीति को एक नई दिशा दी है। उनकी पार्टी ने ईमानदारी और पारदर्शिता के मुद्दे पर देश की राजनीति में बदलाव लाने का काम किया है। उनका कहना था कि विरोधियों ने उनकी पार्टी को तोड़ने की पूरी कोशिश की, लेकिन न तो वे और न ही पार्टी के विधायक और कार्यकर्ता इस दबाव के आगे झुके।
अंत में केजरीवाल ने कहा कि उनकी लड़ाई देश के लिए है, और वे इसे जारी रखेंगे। उन्हें सिर्फ अपने समर्थकों और जनता का साथ चाहिए। उन्होंने कहा कि एक क्रांतिकारी मुख्यमंत्री को जेल में डाला गया, लेकिन उनकी हिम्मत नहीं टूटी।