New Delhi। गुजरात का सबसे चर्चित गोधरा कांड एक बार फिर सुर्खियों में है। गुजरात दंगे की जांच कर रही गठित नानावटी–जस्टिस मेहता आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को क्लीन चिट दे दी है। आयोग ने गोधरा कांड एक साजिश के तहत किया गया था जबकि उसके बाद भडके दंगे किसी साजिश का हिस्सा नहीं थे।
दंगों के दौरान 3 IPS अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद मानी गई है। गुजरात विधानसभा में बुधवार को पेश जस्टिस जी टी नानावटी व जस्टिस अक्षय मेहता की करीब पांच हजार पेज की रिपोर्ट में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व तत्कालीन गृह राज्य मंत्री, केंद्र सरकार में गृहमंत्री अमित शाह सहित गुजरात के तीन पूर्व मंत्री दिवंगत हरेन पंड्या, दिवंगत अशोक भट्ट व भरत बारोट को क्लीन चिट दी है।
गृह राज्यमंत्री प्रदीप सिंह जडेजा ने पत्रकारों को बताया कि आयोग ने खंड में अपनी फाइनल रिपोर्ट पेश की है जो तीन हजार से अधिक पेज की बताई जा रही है। करीब 44 हजार 445 शपथ पत्रों व 488 सरकारी अधिकारी व पुलिस अधिकारियों के शपथ पत्र के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। जडेजा ने बताया कि गोधरा कांड में 58 कारसेवक जिंदा जला दिए गए थे, जबकि 40 जख्मी हो गए थे।