एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद में एक चुनावी सभा में भाजपा के लिए प्रचार करते हुए भारतीय सेना को ‘मोदी जी की सेना’ करार दिया। योगी की इस टिप्पणी पर सोमवार को राजनीतिक विवाद पैदा हो गया। विपक्षी नेताओं ने योगी पर हमला बोलते हुए उन पर सेना का ‘‘अपमान करने’’ का आरोप लगाया। आदित्यनाथ पर विपक्ष के हमलों के बीच चुनाव आयोग ने गाजियाबाद के जिला मजिस्ट्रेट से इस मामले में रिपोर्ट तलब की ताकि यह पता लगाया जा सके कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की टिप्पणी से आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है कि नहीं। चुनाव आयोग राजनीतिक पार्टियों को पहले ही नसीहत दे चुका है कि वे लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान सैन्य बलों के मुद्दे पर कोई प्रचार या दुष्प्रचार नहीं करें। विपक्षी दलों पर प्रहार करते हुए रविवार को आदित्यनाथ ने कहा था कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के लिए जो ‘असंभव’ था, वह अब भाजपा के शासन में संभव हो गया है।
योगी ने कहा, ‘‘कांग्रेस के लोग आतंकवादियों को बिरयानी खिलाते थे और मोदी जी की सेना आतंकवादियों को गोली और गोला देती है। यही अंतर है। कांग्रेस के लोग मसूद अजहर के नाम के आगे ‘जी’ लगाते हैं, ताकि आतंकवाद को बढ़ावा मिले।’’ इस टिप्पणी को लेकर विपक्ष ने योगी पर हमला बोला। कांग्रेस ने कहा, ‘‘योगी आदित्यनाथ द्वारा सेना की वीरता को हड़पना और इसे ‘मोदी की सेना’ करार देना हमारे शहीदों एवं हमारे बहादुर जवानों की वीरता और त्याग का अपमान है।’’ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने योगी की टिप्पणी पर ‘‘हैरत’’ जताई। भाकपा नेता डी राजा ने भी योगी के बयान की निंदा की। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘योगी आदित्यनाथ ने ‘मोदी की सेना’ बोलकर हमारे शहीदों तथा हमारे बहादुर जवानों के पराक्रम एवं बलिदान का अपमान किया है। यह चुनाव आयोग के नियमों का भी उल्लंघन है।’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक, 2019 के चुनावों में अपनी हार सामने देखकर वे देश के जनादेश को कुचल रहे हैं। आदित्यनाथ ‘जीरो परफॉर्मेंस’ मुख्यमंत्री हैं।