रिद्धम ठाकुर | Navpravah.com
बॉलीवुड अभिनेता के के मेनन ने बेस्ट कैटेगरी पर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक निजी वेबसाइट को दिए गए इस इंटरव्यू में कहा है कि फ़िल्म अवार्ड्स में होने वाले बेस्ट कैटेगरी को हटा दिया जाना चाहिए। फिल्मों और आर्ट के मामले में हर किसी की बेस्ट पसंद अलग-अलग हो सकती है। यदि कोई फिल्म बहुत अच्छी लगती है, तो उस फिल्म और ऐक्टर की ऐक्टिंग के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
मेनन आगे कहते हैं कि बेस्ट का जो मापदंड है, वह खेल और खिलाड़ियों के लिए जरूर हो सकता है, क्योंकि वहां पर यह कैटगरी बिल्कुल फिट बैठती है। फिल्मों में एक ऐक्टर एक डायरेक्टर के साथ एक अलग कहानी में काम कर रहे हैं, दूसरा ऐक्टर कहीं और किसी दूसरे माहौल में दूसरी तरह की कहानी में काम कर रहा है। दोनों में तुलना करना ठीक नहीं है। यह बेस्ट की कैटेगरी से सिर्फ किसी का अहंकार जरूर संतुष्ट होता होगा। बेस्ट कैटेगरी को खत्म करने से किसी अभिनेता को खुद के बेस्ट ऐक्टर होने की गलतफहमी भी नहीं होगी।
इससे पहले भी मेनन ने उड़ता पंजाब फिल्म के मुद्दे पर कुछ ऐसा कहा था कि मुझे सेंसरशिप पसंद नहीं है। मुझे इसके पीछे तर्क समझ में नहीं आता। 18 वर्ष की उम्र में आप मतदान कर सकते हैं, जिसका मतलब है कि आपको अपनी सरकार चुनने का अधिकार है। यह एक फिल्म देखने की तुलना में एक बहुत बड़ा निर्णय है, इसलिए मैं इसके पीछे तर्क नहीं जानता। मेरे अनुसार यह मूर्खता है।