एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
गीतकार और कवि गोपालदास नीरज का लंबी बीमारी के बाद आज निधन हो गया, नीरज 93 साल के थे, पिछले दिनों उन्हें आगरा स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया था, रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।
तबियत में सुधार नहीं होने की वजह से उन्हें गुरुवार को आगरा से दिल्ली के एम्स में शिफ्ट किया गया था। जहां आज शाम करीब 8 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली, नीरज के निधन ने हिंदी साहित्य और फिल्मी जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।
नीरज को उनके गीतों के लिए भारत सरकार ने ‘पद्मश्री’ और ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया था। उन्होंने हिंदी फिल्मों के लिए भी अनेक गीत लिखे और उनके लिखे गीत आज भी गुनगुनाए जाते हैं, गोपाल दास नीरज का जन्म 4 जनवरी 1924 यूपी के इटावा जिले के पुरावली गांव में हुआ था।
‘कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे’ जैसे मशहूर गीत लिखने वाले नीरज को तीन बार ‘फिल्म फेयर’ पुरस्कार भी मिली थी, ‘पहचान’ फिल्म के गीत ‘बस यही अपराध मैं हर बार करता हूं’ और ‘मेरा नाम जोकर’ के ‘ए भाई! ज़रा देख के चलो’ ने नीरज को कामयाबी की बुलंदियों पर पहुंचाया था।