डॉ० कुमार विमलेन्दु सिंह | Navpravah Desk
इंसान, अपनी हसरतों के पीछे भागते हुए, अकसर ये भूल जाता है कि ज़िंदगी की सबसे बड़ी मिल्कियत है फ़ुर्सत, सबसे बड़ा सुकून है, अपनों के बीच रहना और सबसे ख़ास बात है, आम होना। ये आम इंसान, भारतीय जनता के बीच बहुत प्रसिद्ध हो चुका था, लेकिन जाना जाता था, अपने अंग्रेज़ी नाम, “The Common Man” से। इसे पैदा किया था सुप्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर० के० लक्ष्मण की कल्पनाओं ने और इसका घर था विख्यात अंग्रेज़ी अख़बार, “The Times of India” के पन्ने पर छपा कॉमिक स्ट्रिप, “You Said It”।
कॉमिक स्ट्रिप की शुरुआत, अख़बारों में , बड फ़िशर ने, अमरीका में की थी। इनके कॉमिक किरदार, “Mutt and Jeff” थे जो San Francisco Chronicle के खेल समाचार के पृष्ठ पर निकलते थे। ये 1907 की बात है। भारत में भी “The Common Man”, बहुत प्रचलित हुआ था और जब ये खूब प्रसिद्ध हो चुका था और अब तक स्थिर चित्र की जगह, एक चलते फिरते किरदार के रूप में लोग इस आम आदमी के ज़िंदगी की कहानियां जानना चाहते थे।
“दर्शकों की ये इच्छा पूरी हुई और आर० के० लक्ष्मण के कॉमन मैन को एक नाम मिला, श्रीनिवास वागले, जिसकी दुनिया दिखाई, पुराने ज़माने की मशहूर अभिनेत्री, दुर्गा खोटे ने, अपने प्रोडक्शन हाऊस, “दुर्गा खोटे प्रोडक्शन्स” के तले। हम आज भी इसे “वागले की दुनिया” के नाम से याद करते हैं। दूरदर्शन ने 1988 में इसे धारावाहिक के रूप में प्रस्तुत किया।”
इस धारावाहिक का निर्देशन, मशहूर निर्देशक कुन्दन शाह ने किया था और संपादन जावेद सैय्यद का था। कला निर्देशन का काम, नीतीश रॉय कर रहे थे और एपिसोड के लिए लेखन का ज़िम्मा, अजय कार्तिक को दिया गया था।
अंजन श्रीवास्तव (श्रीनिवास वागले) बने थे और उनकी पत्नी का किरदार भारती अचरेकर (राधिका वागले) ने निभाया था। ये इन दोनों कलाकारों के जीवन को बदल देने वाला धारावाहिक साबित हुआ। इनके अलावा, इन्द्रजीत, योगेश वर्मा, मुश्ताक़ ख़ान, वीरेन्द्र सक्सेना, अच्युत पोटदार और हरीश पटेल जैसे कलाकार भी इस धारावाहिक का अहम हिस्सा थे। इसके एक एपिसोड में, जिसका नाम, “पुलिस स्टेशन” था, शाहरुख़ ख़ान भी अतिथि कलाकार के रूप में नज़र आए।
इस धारावाहिक का शीर्षक संगीत बेहतरीन संगीतकार वनराज भाटिया ने दिया। इतनी खूबियों से भरे धारावाहिक के हर एपिसोड में वागले अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी की तमाम छोटी मुश्किलें हल करते नज़र आते थे, जो कि एक कॉमन मैन की ज़िंदगी में भी होती थीं। ऐसे 104 एपिसोड का लुत्फ़, दर्शकों ने उठाया। आगे चलकर, शाहरुख़ ख़ान और अंजन श्रीवास्तव, “राजू बन गया जेन्टलमैन” और “कभी हां, कभी ना” जैसी फ़िल्मों में एक साथ दिखे।
देखें शाहरुख़ खान वाला एपिसोड-
2012 में दोबारा, “डिटेक्टिव वागले” नाम से ये धारावाहिक, दूरदर्शन ने शुरु किया। वागले तो अंजन श्रीवास्तव ही रहे लेकिन उनकी पत्नी का किरदार, सुलभा आर्या ने निभाया।
दूसरी बार के प्रसारण के समय, दुनिया पूरी बदल चुकी थी और कॉरपोरेट दफ़्तरों में “और ज़्यादा” के लिए परेशान इस पीढ़ी ने पूरे परिवार के साथ, वागले की सतरंगी दुनिया को नहीं देखा, क्योंकि इस वक़्त तक, ये वहम, पूरी पीढ़ी के मन में बैठ चुका था कि वे स्पेशल हैं, कॉमन नहीं।
हमारी पीढ़ी ये कभी नहीं समझ पाएगी कि महान अंग्रेज़ कवि, पोप ने क्यों कहा था कि:
“Blest, who can unconcernedly find
Hours, days, and years slide soft away,
In health of body, peace of mind,
Quiet by day”
(लेखक जाने-माने साहित्यकार, फ़िल्म समालोचक, स्तंभकार, व शिक्षाविद हैं.)