एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
पेट्रोल-डीजल के बाद अब महंगाई भी बढ़ने लगी है। तीन महीने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में आ रही तेज़ी का असर अप्रैल में थोक महंगाई पर दिखाई दे रहा है। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल के दौरान थोक महंगाई दर 4 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
अप्रैल में थोक महंगाई 3.18 फीसदीी पर पहुंच गई है, मार्च में यह दर 2.47 फ़ीसदी थी। पिछले साल अप्रैल में महंगाई 3.85 फ़ीसदी थी। इस बीच फरवरी की थोक महंगाई दर 2.48 फ़ीसदी से संशोधित होकर 2.74 फीसदी हो गई है।
थोक महंगाई दर बढ़ने के पीछे ईंधन यानी पेट्रोल-डीजल की कीमतों को वजह बताया जा रहा है। WPI में फ्यूल और पावर इंफ्लेशन 4.7 फीसदी से बढ़कर 7.85 फ़ीसदी रही है। मार्च में इनकी महंगाई में सिर्फ 4.70 फीसदी थी और पिछले साल अप्रैल में 17.11 फीसदी थी।
महीने दर महीने आधार पर अप्रैल में आलू की थोक महंगाई दर 43.25 फीसदी से बढ़कर 67.94 फीसदी रही है। हालांकि, महीने दर महीने आधार पर अप्रैल में प्याज की थोक महंगाई दर 42.22 फ़ीसदी से घटकर 13.62 फ़ीसदी रही है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से जुड़ी महंगाई दर अप्रैल महीने में 3.03 फ़ीसदी से बढ़कर 3.11 फीसदी रही है। वहीं फ्यूल एवं पावर से जु़ड़ी महंगाई दर 4.70 फीसदी से बढ़कर 7.85 फीसदी रही है।