नई दिल्ली ।। साल 2014 के लोकसभा इलेक्शन में जीत परचम लहराने के बाद जब 26 मई को नरेंद्र मोदी पीएम पद की शपथ लेने जा रहे थे तो सार्क देशों के प्रमुख भी इस मौके के गवाह बने थे। पीएम मोदी की पहल पर देश के इतिहास में पहली बार शपथ ग्रहण समारोह में पड़ोसी देशों के राष्ट्रप्रमुख शामिल हुए थे।
अब 2019 के लोकसभा इलेक्शन के Exit poll में फिर से मोदी लहर दौड़ने की भविष्यवाणी की गई है। ऐसे में अटकलें लगने लगीं हैं कि क्या अपने शपथ ग्रहण समारोह में एक बार फिर मोदी सार्क देशों के प्रमुखों को आमंत्रित करेंगे।
26 मई साल 2014 को शाम 6 बजे से राष्ट्रपति भवन परिसर में शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ था। इस क्रम में पीएम मोदी के न्योते पर पाकिस्तान के तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ की मौजूदगी खास तौर से चर्चा में थी। सार्क देशों के अन्य राष्ट्राध्यक्ष भी मौजूदगी दर्ज कराए थे।
इनमें श्रीलंका के तत्कालीन राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे, अफगानिस्तान के हामिद करजई, नेपाल के पीएम सुशील कोईराला, मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम, भूटान के पीएम और बांग्लादेश के स्पीकर शिरीन शरमीन चौधरी शामिल हुए थे। सार्क से बाहर मॉरीशस के पीएम नवीनचंद्र रामगुलाम भी हिस्सा लिए थे।
यदि Exit poll के परिणाम सच साबित हुए तो प्रश्न उठता है कि क्या फिर से पीएम मोदी पड़ोसी देशों के प्रमुखों को 2014 की तरह आमंत्रित करेंगे। यदि आमंत्रित करेंगे तो क्या इसमें पाकिस्तान के पीएम इमरान खान का भी नाम होगा। वो भी तब, जब पुलवामा में हुए टेररिस्ट अटैक में 40 CRPF जवानों के शहीद होने के बाद से हालात बिगड़ चुके हैं।