पारुल पाण्डेय । Navpravah.com
ट्रंप सरकार ने एच1बी वीजा के नियमों में को और भी सख्त कर दिया है, जिसका सीधा असर अमेरिका में काम रहे भारतीयों पर पड़ सकता है। अमेरिकी सरकार ने एच1बी वीजा नियम में कई बदलाव किए हैं, उससे आईटी कंपनियों में भारतीय एंप्लॉइज को वीजा दिलाने में बड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। इसका असर भारतीय आईटी कंपनियों और कर्मचारियों पर भी पड़ेगा।
अमेरिकी सरकार की नई नीति के तहत यह साबित करना होगा कि एक या एक से अधिक स्थानों पर जॉब-वर्क की तरह के काम करने के लिए इस वीजा पर बुलाए जा रहे कर्मचारी का काम खास तरह का है और उसे खास जरूरत के लिए बुलाया जा रहा है। सरकार यह वीजा ऐसे कर्मचारियों के लिए जारी करती है जो बहुत उच्च कौशल प्राप्त होता है।
सरकार ने कल सात पृष्ठ का एक नीतिगत दस्तावेज जारी किया, जिसमें एच1बी वीजा के नए नियम जारी किए गए हैं। इसके तहत अमेरिका के नागरिकता और आव्रजन विभाग को यह वीजा केवल तीसरे पक्ष के साइट कार्य (कार्यस्थल) की अवधि तक के लिए जारी करने की ही अनुमति होगी। इस तरह इसकी अवधि तीन साल से कम की हो सकती है, जबकि पहले यह एक बार में तीन साल के लिए दिया जाता था। इतना ही नहीं यह नियम अमेरिका में लागू हो गया है। वहीँ 1 अक्टूबर 2018-19 से शुरु होने वाले वित्त वर्ष के लिए एच1बी वीजा के आवेदन 2 अप्रैल से आमंत्रित किए जा सकते हैं।