बूढ़ों से परेशान है चीन, लगा रहा अजीबो-गरीब जुगाड़

china is in big trouble

सौम्या केसरवानी । Navpravah.com

चीन की सरकार की चिंता बढ़ती ही जा रही है, वजह यह है कि चीन अपनी बूढ़ी होती आबादी से परेशान है और युवा आबादी की चाह में नीतियां बदल रहा है। चीन ने 2015 में अपनी ‘एक बच्‍चा नीति’ में बदलाव किया था, उसके बावजूद नए आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल की तुलना में जन्‍म दर में 3.5 फीसद की गिरावट दर्ज की गई है।

चीन सरकार का अनुमान था कि इससे तेजी से जन्‍म दर बढ़ेगी और अगले तीन दशकों में युवा आबादी के रूप में नई ‘लेबर फोर्स’ मार्केट को उपलब्‍ध होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। नीति बदलने के एक साल बाद 2016 में जन्‍म दर तेजी से तो बढ़ी, लेकिन 2017 में यह गिर गई। ‘द न्‍यूयॉर्क टाइम्‍स’ की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017 में जिन माता-पिता के एक बच्‍चे थे, उनमें से कुछ ही परिवारों में बच्‍चों की संख्‍या बढ़ी है।

इस जन्‍म दर के घटने और बूढ़ी होती आबादी के कारण चीन में चिंता बढ़ रही है। चीनी सरकार को चिंता है कि यदि यही आलम रहा तो आने वाले वर्षों में मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट, फैक्‍टरियों में श्रम शक्ति की कमी हो जाएगी। ताजा आंकड़ों के आने के बाद सरकार ने परिवारों को जनसंख्‍या बढ़ाने के लिए प्रेरित करने का संकल्‍प लिया है, इसके तहत बीजिंग जैसे प्रमुख शहरों में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की टीमें घरों और ऑफिसों के चक्‍कर लगा रही हैं।

यह टीम महिलाओं से मिलकर उनको परिवार बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रही हैं, ये टीमें महिलाओं को बताती हैं कि चीन की आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है और आने वाले वर्षों में युवा आबादी की जरूरत होगी। इसलिए वे परिवार बढ़ाने को सोचें।

इसके साथ ही सरकार अखबारों में विज्ञापन दे रही है, साथ ही कई सेमिनार भी आयोजित कर रही है। ‘यूथ लीग’ के माध्‍यम से इस तरह के सेमिनारों में जीवनसाथी का चयन, उनका व्‍यवहार और शादी एवं समाज से जुड़ी जानकारियां भी दी जा रही हैं।

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