एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
आज NRC पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में बीजेपी सांसद अमित शाह ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि, कांग्रेस की सरकार में असम समझौता लागू करने की हिम्मत नहीं थी और अब हम इसे लागू करने जा रहे हैं।
अमित शाह ने आज राज्यसभा में अपने बयान में 1985 के असम एकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ही इसे लेकर आए थे लेकिन कांग्रेस के पास इसे लागू करने की हिम्मत नहीं थी, शाह ने विपक्षी सांसदों पर निशाना साधते हुए कहा कि 40 लाख घुसपैठियों को कौन बचाना चाहता है।
बीजेपी अध्यक्ष ने संसद में जो बयान दिया वह उन्हीं की पार्टी के सांसद और देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान से ठीक उलट है, राजनाथ ने एनआरसी के फैसले को राजनीति से प्रेरित न बताते हुए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसका ड्राफ्ट लाने की बात कही थी।
कल ही लोकसभा में विपक्ष के आरोपों पर गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं अध्यक्ष महोदया, सरकार ने उसमें कुछ भी नहीं किया, जो कुछ भी काम चल रहा है वह सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रहा है, बार-बार यह कहना कि सरकार ने ये कर दिया, सरकार बड़ी निर्मम हो गई है, इस प्रकार के आरोप बेबुनियाद हैं।
राजनाथ के बयान के अगले ही दिन ही यानी आज NRC के मुद्दे पर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा के भीतर राजनीतिक बयान देकर बवाल खड़ा कर दिया है, शाह ने बाकायदा सीना ठोंक कर कहा कि हममें ये रजिस्टर लाने की हिम्मत थी और विपक्ष क्यों अवैध घुसपैठियों को बचाना चाहता है, शाह के बयान पर कांग्रेस और टीएमसी के सांसदों ने आपत्ति जताई और वेल में आकर प्रदर्शन किया।