जानिए, पवन सिंह के चुनाव लड़ने से इनकार करने के पीछे की कहानी

नृपेंद्र मौर्य | navpravah.com

नई दिल्ली | भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने आसनसोल से चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है, कल ही भाजपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया था और आज पवन सिंह ने वहां से चुनाव लड़ने से मना कर दिया।

पवन सिंह ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को दिल से आभार प्रकट करता हूं. पार्टी ने मुझ पर विश्वास करके आसनसोल का उम्मीदवार घोषित किया लेकिन किसी कारणवश में आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ पाऊंगा…’

आइए समझते है पवन सिंह ने क्यों लिया ऐसा फैसला:

सूत्रों की माने तो बंगाल के बीजेपी नेताओं ने शीर्ष नेतृत्व से भोजपुरी स्टार पवन सिंह की उम्मीदवारी पर विचार करने का अनुरोध किया था। कहा कि संदेशखाली आदि घटनाओं से बीजेपी ने बंगाल की महिला हिंसा को जिस रहा से बड़ा मुद्दा बनाया है, उस पर सिंगर के बंगाली महिलाओं को लक्ष्य कर बनाए गाने पानी फेर देंगे। क्योंकि टीएमसी को काउंटर का मुद्दा मिल गया है। पार्टी ने एक सीट के लिए पूरे राज्य में नुकसान की आशंका पर पवन को न लड़ाने का फैसला लिया। पवन सिंह ने सोच भी नहीं होगा कि उनके गाने ही उनके टिकट पर कैची चला देंगे

संदेशखाली के मुद्दे को और बड़ा करने की प्लान में है बीजेपी:

संदेशखाली के मुद्दे को बीजेपी हाथ से गवाना नही चाहती, प्रधान मंत्री मोदी बार बार अपने भाषणों में भी संदेशखाली का जिक्र करते हुए ममता सरकार पर निशाना साधते हैं। महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को बीजेपी बड़ा मुद्दा बना कर बंगाल फतेह करने के प्रयास में हैं और यही कारण बना है पवन सिंह के टिकट कटने का।

कौन हो सकता है उम्मीदवार:

संदेश खाली के मुद्दे को बड़ा करने और इन बंगाली महिलाओं पर बने गानों को पाटने के लिए बीजेपी एक महिला उम्मीदवार को उतार सकती हैं। सूत्रों की माने तो अब इस रेस में अक्षरा सिंह सबसे आगे हैं।

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