किसानों का छलका दर्द, कहा, “हमारी जान भी सस्ती है”

kisan mukti march in delhi
kisan mukti march in delhi

सौम्या केसरवानी । Navpravah.com

‘माफ कीजिएगा! हमारे इस मार्च से आपको परेशानी हुई होगी… हम किसान हैं।’ ये पंक्तियां उन लाखों किसानों का दर्द है, जो उन्‍होंने दिल्‍ली में विरोध-प्रदर्शन करने के दौरान लोगों को बांटे पर्चे में जताया है।

किसानों ने पीले रंग के इस पर्चे में उनके साथ हो रही नाइंसाफी को उजागर करना चाहा है। यह पर्चा पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है।

इसमें किसानों ने लिखा है- ‘माफ कीजिएगा! हमारे इस मार्च से आपको परेशानी हुई होगी..हम किसान हैं, आपको तंग करना हमारा इरादा नहीं है, हम खुद बहुत परेशान हैं, सरकार को और आपको अपनी बात सुनाने बहुत दूर से आए हैं।’

इसके बाद किसानों ने इस पर्चे में उन कीमतों का जिक्र किया है, जिसमें उनके साथ नाइंसाफी होती है। उन्‍होंने लिखा है कि मूंग दाल जो लोग 120 रुपये/किग्रा की दर पर खरीदते हैं, उसकी उन्‍हें सिर्फ 46 रुपये/किलो कीमत ही मिलती है। इसी तरह जो टमाटर हम लोग बाजार से 30 रुपये/किग्रा की दर पर खरीदते हैं, उसकी कीमत किसानों को 5 रुपये/किग्रा. मिलती है।

किसानों ने इसके आगे लिखा है, “यह है हमारी परेशानी, हम हर चीज महंगी खरीदते हैं और सस्‍ती बेचते हैं, हमारी जान भी सस्‍ती है, पिछले बीस साल में तीन लाख से अधिक किसान आत्‍महत्‍या कर चुके हैं।” उन्होंने कहा कि, सरकार की चाभी मीडिया के पास है, लेकिन वो हमें देखता नहीं और मीडिया की चाभी आपके पास है, आप हमारी बात सुनेंगे, इस उम्‍मीद से हम आपको अपनी दुख-तकलीफ समझाने आए हैं।

किसानों ने पर्चे में मांग की है, ‘हम सिर्फ इतना चाहते हैं कि संसद का एक विशेष सत्र किसानों की समस्‍या पर बुलाया जाए और उसमें किसानों के लिए दो कानून पास किए जाएं, फसलों के उचित दाम की गारंटी का कानून और किसानों को कर्ज मुक्‍त करने का कानून, कुछ गलत तो नहीं मांग रहे हम?

दरअसल देश के अलग-अलग हिस्‍सों से लाखों किसान एक बार‍ फिर कल से दिल्‍ली में एकत्र हुए हैं, अपनी विभिन्‍न मांगों को लेकर वे शुक्रवार को संसद की ओर कूच कर गए हैं, किसानों ने सरकार के खिलाफ इस प्रदर्शन को ‘किसान मुक्ति मार्च’ नाम दिया है।

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