अनुज हनुमत | Navpravah.com
“देखिए एक शब्द में अगर बोलिए तो वह गद्दार हैं। उन्होंने दिल्ली के साथ गद्दारी की है। आंदोलन के साथ गद्दारी की है, पीठ पर छूरा घोंपा है। एक एक चीज जो कही और लिखी गई थी उसके उल्टा किया है। अपनी स्वराज की किताब में उन्होंने यह बात लिखी कि एमपी और एमएलए का फंड खत्म होना चाहिए, लेकिन आज एमपी और एमएलए का सबसे ज्यादा फंड दिल्ली में दिया जा रहा है यानी कि जो आपने वादा किया वह पूरा नहीं किया।”
ये शब्द दिल्ली सरकार में पूर्व मंत्री एवं आप के बागी विधायक कपिल मिश्रा के हैं, जिनके बोल आज भी सीएम केजरीवाल के लिए आग के गोले जैसे हैं।
बातचीत की शुरुआत ही उन्होंने सीएम केजरीवाल के ऊपर अटैक करते हुए ही की। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ठीक उल्टा कर रहे हैं, उन्होंने यह कहा था कि विप लागू नहीं होना चाहिए। जो चुने हुए जनपद में प्रतिनिधि हैं वह अपनी बात चुनी हुई अपनी जनता से पूछकर सदन में रखें। लेकिन देश की सबसे ज्यादा विप लागू करने वाली आम आदमी पार्टी ही है, दिल्ली के विधानसभा में 4 से ज्यादा जारी हो चुके हैं, जबकि 15 साल में शीला दीक्षित सरकार ने केवल 5 विप जारी किए थे तो अपनी कही हर एक बात से चाहे आंतरिक सुरक्षा की बात हो, डिसेंट्रलाइजेशन हो पावर की बात हो, सेंट्रलाइजेशन ऑफ़ पावर की बात हो, एक भी आदमी को साथ लेकर नहीं चल पा रहे हैं।
मेरी तो आप बात छोड़िए चाहे वह आशुतोष, आशीष खेतान हो योगेंद्र यादव, प्रशांत भूषण और कुमार विश्वास हो, अंजली दमानी हो शाजिया इलमी, अन्ना हजारे, किरण बेदी हों, सारे के सारे लोग गलत नहीं होंगे सारे के सारे लोग तो भ्रष्ट नहीं होंगे। सारे के सारे लोग तो बीमार नहीं होंगे यानी प्रॉब्लम उस एक आदमी में ही है।
तो क्या यही कारण है कि हर बार विधानसभा का सत्र शुरू हो जाता है और आप को बाहर निकाल दिया जाता है?
कपिल: देखिए हमारे दिल्ली के विधानसभा में सत्र शुरू होते ही जिन मुद्दों पर बात होनी चाहिए, उस पर बात न होकर बिना मतलब के मुद्दों पर बात होती है। मैने जैसे ही प्रदूषण के मुद्दे पर बात चाही, बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर बात रखनी चाही, दिल्ली में महंगे पेट्रोल पर बात करनी चाही, दिल्ली में कांटेक्ट कर्मचारियों के बारे में बात करनी चाही हर बार मुझे बाहर कर दिया। हर उस व्यक्ति को बाहर कर दिया जाता है, जो विधानसभा में मुद्दे उठाना चाहते हैंc
आप अपने आप को कैसे परिभाषित करते हैं ?
कपिल: मैं तो वही हूं, जो पहले शीला दीक्षित सरकार के समय कॉमनवेल्थ का घोटाला हो रहा था, तो मैं उसके खिलाफ एक किताब लिखी थी ‘कॉमन वर्सेस वेल्थ’ और दिल्ली के विधानसभा के भीतर घुसकर आम आदमी की आम आदमी नागरिक होते हुए भी उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था, गिरफ्तार कर लिया गया था। इंडिया गेट करप्शन का आंदोलन किया, तो हम लोग तो भ्रष्टाचार से लड़ने वाले लोग थे और आज भी वही कर रहे हैं। अगर शीला दीक्षित के भ्रष्टाचार से हम लड़ेंगे, तो केजरीवाल और सतेंद्र जैन के साथ रिश्तेदारी तो है नहीं। इस सरकार में भ्रष्टाचार होगा, तो हम जोर से आवाज उठाएंगे तो मैं तो वही हूं लेकिन जो लोग व्यवस्था परिवर्तन के वादे करके आए थे, जो यह कहते थे कि हम डिसेंट्रलाइजेशन पावर कर देंगे। हम लोग जो हैं एमपी और एमएलए का फंड ही खत्म कर देंगे। विप जारी करना बंद कर देंगे वह ठीक उसके उल्टे हो गए हैं। एक हड्डी का आदमी आज 80 किलो का वजन लेकर शॉपिंग में पसरा हुआ है, वह यह बोलता है कि मैं दिल्ली का मालिक हूं तो कौन बदला है। आप भी देख रहे हैं और दिल्ली वाले भी देख रहे हैं।
आप अगला चुनाव निर्दलीय लड़ेंगे या किसी दूसरी पार्टी से ?
कपिल: दिल्ली में चुनाव अभी बहुत दूर है। दिल्ली में चुनाव 2020 में होना है, तो हम चुन कर बैठे हुए हैं। अब केजरीवाल जी वाले हरकत ना करें कि हम चुनकर आ गए और अगले चुनाव की तैयारी करना शुरू कर दे। अभी तो हम चुने हुए हैं। अभी तो हमें जनता के लिए काम करना है। जब चुनाव आएगा तब चुनाव के बारे में सोचा जाएगा।
अगर भाजपा आप को लोकसभा में मौका देती है, तो क्या रहेगा ?
कपिल: जब चुनाव आएगा तब चुनाव के बारे में सोचेंगे। यदि इस देश में प्रधानमंत्री दोबारा चुनकर आए, जिसके कारण देश को गर्व हो जिसके कारण हमें लगे कि देश को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिल रहा है, आंतरिक सुरक्षा भी बढ़ रही है, रोजगार की चीजें उपलब्ध कराई जा रही हैं और एक ऐसा आदमी जो लगातार काम कर रहा है तो हम एक गूंगे मनमोहन सिंह को 10 साल दे सकते हैं, तो 56 इंच वाले नरेंद्र मोदी को दोबारा चुनना बनता ही है।
कपिल ने साक्षात्कार के दौरान कहा, “मैंने पार्टी में जिस अवैध हवाला फंडिंग की बात की थी, उस पर सवाल भी उठाए थे। फिलहाल सीडी की जांच कंप्लीट हो चुकी है और इलेक्शन कमिशन को रिपोर्ट भी आ चुकी है और इलेक्शन कमीशन ने आम आदमी पार्टी को नोटिस भी जारी किया है। हो सकता है कि उनका सिंबल भी ज़ब्त कर लिया जाए, क्योंकि उनकी फंडिंग में हवाला का पैसा भी पाया गया है और ब्लैक मनी भी पाई गई है और रिकॉर्ड भी गलत पाए गए हैं। मैंने शिकायत दर्ज कराई थी, उसी का यह नतीजा है। सीबीआई में, ईडी में, एसीबी में लगभग 33 एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें जांच चल रही है।