एनपी न्यूज़ नेटवर्क | Navpravah.com
राफेल विमान सौदे की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग कर रहे कांग्रेस सदस्यों के भारी हंगामे और आम सहमति न बन पाने की वजह से तीन तलाक बिल इस मॉनसून सत्र में भी राज्यसभा में नहीं पेश हो सका।
संसद के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन सरकार और विपक्ष आमने-सामने रही, सरकारी की कोशिश थी कि किसी भी हाल में आज तीन तलाक बिल राज्यसभा में पास हो जाए, लेकिन विपक्ष ने बिल पेश करने से पहले ही राफेल डील पर राज्यसभा में जोरदार हंगामा कर दिया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
इस बिल को राज्यसभा में पास कराने के उद्देश्य से और उस पर रणनीति बनाने के लिए ही बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने तीन तलाक पर वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक बुलाई थी, इस बैठक में रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, प्रकाश जवाड़ेकर और विजय गोयल शामिल थे।
उपसभापति हरिवंश ने सुबह के सत्र का संचालन किया और उनके आसन में बैठने पर सदस्यों ने उनका स्वागत किया, उपसभापति ने हंगामा कर रहे सदस्यों से अपील की कि वे सदन में शून्यकाल चलने दें, विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने आरोप लगाया कि राफेल सौदा एक बड़ा घोटाला है और उन्होंने इसकी जेपीसी से जांच कराने की मांग की।
शून्यकाल में ही तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने व्यवस्था का प्रश्न उठाते हुए कहा कि आज भोजनावकाश के बाद गैर सरकारी कामकाज होता है और उस अवधि में विधायी कार्य नहीं हो सकते।
इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में यह सहमति बनी थी कि आज विधायी कार्य किए जाएंगे, क्योंकि द्रमुक नेता करूणानिधि के सम्मान में सदन की बैठक दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई थी।