अमित द्विवेदी | नई दिल्ली
नवप्रवाह डॉट कॉम
कोविड मैनजमेंट को लेकर केंद्र सरकार ने यूपी की योगी सरकार की सराहना भले की हो, लेकिन दिल्ली में संघ और भाजपा के बीच हुई हाई लेवल मीटिंग में कुछ और बातें सामने आ रही हैं। संघ और भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की बैठक के बाद अब उत्तर प्रदेश में भारी फेर-बदल की सम्भावना जताई जा रही है। ख़बर यह भी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क़रीबी और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी एवं वर्तमान एमएलसी ए. के. शर्मा को उप मुख्यमंत्री भी बनाया जा सकता है।
इस हाई लेवल बैठक के पीछे की एक वजह उत्तर प्रदेश के ही बड़े नेताओं को नाराज़गी बताई जा रही है। प्रदेश में कोरोना के हालात को लेकर लेकर केंद्रीय मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और कई बड़े नेता प्रधानमंत्री कार्यालय को चिट्ठी लिख चुके हैं। पूर्वांचल और वाराणसी में ए.के.शर्मा के कोविड मैनजमेंट की तारीफ़ पीएम मोदी स्वयं कर चुके है। उन्हें इसका लाभ मिलता नज़र आ रहा है। फ़िलहाल संघ और भाजपा की बैठक के बाद सूत्र बताते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल में अब भारी बदलाव देखा जा सकता है।
आरएसएस के सरसंघ कार्यवाहक, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और उत्तर प्रदेश के संगठन महामंत्री के बीच हुई इस अहम् बैठक में आगामी 2022 के चुनाव की रणनीति पर भी चर्चा हुई। आगामी वर्ष में प्रदेश में होने वाले चुनाव की वजह से भी इस बैठक को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
प्रदेश में दो डिप्टी CM या तीन ?
इस बैठक के बाद भाजपा नेताओं के बीच यह भी चर्चा का विषय है कि प्रदेश में दो उप मुख्यमंत्री होंगे या तीन! अगर दो ही उप मुख्यमंत्री होंगे तो दिनेश शर्मा या केशव प्रसाद मौर्य में से किस का पत्ता कटेगा, यह भी सवाल ज्वलंत है। एके शर्मा को डिप्टी सी॰एम॰ बनाए जाने की ख़बर के बाद से ही प्रदेश के दोनों उप मुख्यमंत्रियों के खेमे के लोग तनाव में नज़र आने लगे हैं। जानकारी के मुताबिक़, पिछले दो दिन से उत्तर प्रदेश के संगठन मंत्री (भाजपा) दिल्ली में ही मौजूद हैं। ख़बर यह भी है कि उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार में पाँच नए चेहरे शामिल किए जाएँगे, जबकि क़रीब सात लोगों का पत्ता भी कट जाएगा।
सरकार की छवि सुधारने की कोशिश-
उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल में फेर-बदल की एक वजह छवि सुधारने की कोशिश भी बताई जा रही है। गत दिनों कोरोना की वजह से प्रदेश में मची हाहाकर की वजह से सरकार की काफ़ी छीछालेदर हुई, जिसके चलते मंत्रियों का चेहरा बदलकर ऐसे व्यक्ति को आगे लाने की कोशिश की जा रही है, जो कोरोनाकाल में काफ़ी सक्रिय रहा और आम जनमानस का चहेता बना।