न्यूज़ डेस्क | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क
देश भर में गणेश चतुर्थी पूरे उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन गणपति का घरों और पंडालों में आगमन होता है। आगमन से लेकर विसर्जन तक पूरे दस दिन गणपति की पूजा-आराधना बड़ी धूमधाम से किया जाता है। यह उत्सव भाद्रपद महीने की चतुर्थी से लेकर चतुर्दशी तक चलता है। चतुर्दशी को विघ्नविनाशक गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।
शुभ मुहूर्त-
• पूजा का शुभ मुहर्त पूर्वाह्न 11 बजकर सात मिनट से दोपहर एक बजकर 42 मिनट तक।
• दूसरा शाम 4 बजकर 23 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक।
• रात में 9 बजकर 12 मिनट से 11 बजकर 23 मिनट तक है।
पान, सुपारी, लड्डू, सिंदूर, दूर्वा से भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
कैसे करें भगवान की पूजा–
भगवान की पूजा करें और लाल वस्त्र चौकी पर बिछाकर स्थान दें। इसके साथ ही एक कलश में जलभरकर उसके ऊपर नारियल रखकर चौकी के पास रख दें। दोनों समय गणपति की आरती, चालीसा का पाठ करें। प्रसाद में लड्डू का वितरण करें।
ॐ गं गणपतये नम: मंत्र का जाप करें। प्रसाद के रूप में मोदक और लड्डू वितरित करें।