आप भी करते हैं नशा, तो ये खबर आपके लिए है

एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com 
नशा एक ऐसी बीमारी है जो हमें और हमारे अपनों को जीवन भर रुलाने की वजह बन सकती है। समाज का हर तबक़ा, हर उम्र के लोग नशे की चपेट में आते जा रहे हैं।
आज बच्चे, बूढ़े, महिलाएं, पुरुष सभी नशे की लत घिरे हुए हैं और यह स्थिति दिन ब दिन भयावह रूप लेती जा रही है।यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी के रिसर्चर्स का कहना है कि तम्बाकू का सेवन धूम्रपान के रूप में करने से आपके गले की नली जहा से आप सांस लेते है उसमें ऐसा नुकसान पहुँचा सकता है।
कई कारणों से लोग तम्बाकू का सेवन करना शुरू करते है। कभी स्ट्रेस कम करने के लिए तो कभी गुस्से में, कभी टाइम पास करने और अक्सर शौक समझकर तम्बाकू का सेवन करते हैं।
आइये आपको बताते हैं तम्बाकू से होने वाले नुकसान के बारे में
* सिगरेट का एक कश लगाकर आप दिन भर कामकाज के तनाव को भले ही कुछ पल भूल जाएं, लेकिन इसमें मौजूद बेनजीन, टार, फोर्मलडीहाइड, आर्सेनिक, निकोटिन जैसे तत्व शरीर के लिए कई रोगों का आमंत्रण हो सकते हैं।
* जर्दा, सुर्ती और पान मसाले के नाम पर तंबाकू खाना अगर आपकी आदत का हिस्सा हो चुका है तो आपकी इस आदत को बदलने की कुछ बेहद जरूरी वजहें हो सकती हैं। तंबाकू में 28 किस्म के कार्सिनोजेनिक तत्व होते हैं जिनसे कैंसर हो सकता है।
* आज हुक्का न सिर्फ गांवों तक सीमित है बल्कि तमाम पब, होटलों और रेस्तरां में हुक्के का चलन बढ़ा है। हुक्का में सिगरेट की तरह ही टार, कार्बन मोनोऑक्साइड, हेवी मेटल्स और कार्सिनोजेनिक तत्व हैं जो कैंसर का रिस्क बढ़ाते हैं। इससे मुंह का कैंसर, दिल के रोग और फेफड़ों के कैंसर की आशंका सबसे अधिक होती है। सिगरेट की तरह ही हुक्के का निकोटिन भी हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को बढ़ाता है।
* सिगार का प्रचलन हमारे यहां अपेक्षाकृत कम है पर कुछ लोग सिगार को सिगरेट की अपेक्षा बेहतर विकल्प मानते हैं।सिगार में मौजूद निकोटिन भले ही फेफड़ों में कम जाए लेकिन यह मुंह को सीधा प्रभावित करता है जिससे मुंह और गले के कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.