आतिशी मार्लेना: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री कौन हैं?

इशिका गुप्ता| navpravah.com

नई दिल्ली | आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी ने शनिवार शाम को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उन्हें यह शपथ दिलाई, जिससे वे दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गईं, इसके पूर्व शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज इस पद पर रह चुकी हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में शराब नीति मामले में जेल से रिहा होने के बाद सीएम पद से इस्तीफा देने का फैसला किया था, और उनका इस्तीफा शुक्रवार रात को स्वीकार कर लिया गया।

आतिशी को विधायक दल की नेता चुने जाने के बाद, उन्होंने उपराज्यपाल से शपथ ग्रहण की तारीख तय करने की गुजारिश की थी। अरविंद केजरीवाल के करीबी सहयोगी के रूप में, आतिशी पर कई लोगों को भरोसा है।

साल 2023 में जब मनीष सिसोदिया जेल गए, तब आतिशी ने शिक्षा मंत्री का पद संभाला। इसके अलावा, उन्होंने वित्त, राजस्व, पीडब्ल्यूडी, बिजली, सेवा, और महिला एवं बाल विकास जैसे महत्वपूर्ण विभागों का भी जिम्मा लिया।

आतिशी शनिवार को दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं, जिनसे पहले शीला दीक्षित और सुषमा स्वराज इस पद पर रह चुकी थीं। दिल्ली में जन्मी और पली-बढ़ी आतिशी ने 2013 में आम आदमी पार्टी में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा और 11 साल में सीएम बन गईं।

आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर विजय सिंह और त्रिप्ता वाही के घर हुआ। उन्होंने द स्प्रिंगडेल्स स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा प्राप्त की और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। बाद में उन्होंने ऑक्सफोर्ड से इतिहास में मास्टर डिग्री ली। उनके माता-पिता मार्क्सवादी थे, जिसके कारण उनका मध्य नाम ‘मार्लेना’ रखा गया, जो मार्क्स और लेनिन का संयोजन है। हालांकि, उन्होंने 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले इसे अपने नाम से हटा दिया।

आतिशी की शादी साल 2006 में पंजाबी राजपूत परिवार के प्रवीण सिंह से हुई। प्रवीण संभावना इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक पॉलिसी एंड पॉलिटिक्स में शोधकर्ता और शिक्षक हैं। उन्होंने आईआईटी दिल्ली और आईआईएम अहमदाबाद से शिक्षा प्राप्त की और लगभग आठ साल तक भारत और अमेरिका में कंसल्टेंसी फर्मों में काम किया। वे समाज सेवा में भी सक्रिय हैं, हालांकि सार्वजनिक जीवन में उनकी उपस्थिति कम रहती है।

आतिशी ने साल 2013 में आम आदमी पार्टी में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा और मेनिफेस्टो ड्राफ्टिंग कमेटी की सदस्य बनीं। 2015-2018 तक, उन्होंने दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में काम किया। इसके बाद, उन्होंने सक्रिय राजनीति में भाग लिया और मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में जल सत्याग्रह आंदोलन में भी हिस्सा लिया।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में आतिशी ने पूर्वी दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें भाजपा नेता गौतम गंभीर से हार का सामना करना पड़ा। 2020 के चुनावों के बाद, उन्हें आम आदमी पार्टी की गोवा इकाई का प्रभारी बनाया गया। उसी साल, उन्होंने दिल्ली के कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की, जहां उन्होंने भाजपा नेता धर्मबीर सिंह को हराया, जिससे उनका दिल्ली की राजनीति में उभार हुआ।

मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद, अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को कैबिनेट में शामिल किया। उन्होंने वित्त, पीडब्ल्यूडी, बिजली, सेवा, राजस्व, महिला और बाल विकास, और शिक्षा जैसे विभिन्न विभागों का जिम्मा संभाला।

2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान, आतिशी ने अपनी संपत्ति का हलफनामा पेश किया, जिसमें उनके पास कुल 1 करोड़ 41 लाख रुपये की चल और अचल संपत्ति दर्शाई गई। हालांकि, उनके पास कोई कार या आभूषण जैसी संपत्ति नहीं थी।

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