मन की बात कार्यक्रम का आज 46वां संस्करण पेश किया गया

पीएम मोदी ने आज रेडियो मन की बात
पीएम मोदी

एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com

पीएम मोदी ने आज रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिये देश के लोगों को संबोधित किया, इस कार्यक्रम का यह 46वां संस्‍करण है, पीएम मोदी हर महीने के आखिरी रविवार को मन की बात कार्यक्रम के जरिये देश की जनता को संबोधित करते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के लिए इंसान खुद जिम्‍मेदार है, पीएम ने महिला धावक हिमा दास की तारीफ करते हुए कहा कि, हिमा दास ने देश का मान बढ़ाया है, भारत की हिमा दास ने हाल ही में आईएएफ वर्ल्ड अंडर-20 चैम्पियनशिप की महिलाओं की 400 मीटर स्पर्धा में स्वर्ण जीत कर इतिहास रचा है‌।

प्रधानमंत्री ने देश के प्रिय कवि नीरज जी के देहांत पर उन्हें दरपूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि आशा, भरोसा, दृढसंकल्प, स्वयं पर विश्वास, नीरज जी की विशेषता रही थी, उन्‍होंने कहा कि लोकमान्‍य तिलक ने देश पर गहरी छाप छोड़ी है और हम 23 जुलाई, को तिलक जी की जयंती और 01 अगस्त, को उनकी पुण्यतिथि पर उनका पुण्य स्मरण करते हैं।

पीएम ने कहा कि, जुलाई के महीने में लाखों युवा स्कूल से निकल करके colleges में जाते हैं, अगर फरवरी और मार्च exams, papers, answers में जाता है तो अप्रैल और मई छुट्टियों में मौज़मस्ती करने के साथ-साथ results, जीवन में आगे की दिशाएँ तय करने, carrier choice इसी में खप जाता है।

उन्होंने कहा कि, पुराने दोस्त, बचपन के दोस्त मूल्यवान होते हैं, लेकिन नये दोस्त चुनना, बनाना और बनाए रखना, यह अपने आप में एक बहुत बड़ी समझदारी का काम होता है, कुछ नया सीखें, जैसे नयी-नयी skills, नयी-नयी भाषाएं सीखें।

पीएम ने कहा कि, देश के किसी भी कोने में होने वाली कोई भी अच्छी घटना मेरे मन को ऊर्जा देती है, प्पिछले दिनों मैंने  एक न्यूज़ पढ़ी – ‘दो युवाओं ने किया मोदी का सपना साकार’, पढ़ा तो जाना कि आज हमारे युवा Technology का smart और creative use करके सामान्य व्यक्ति के जीवन में बदलाव का प्रयास कर रहे हैं।

पीएम ने आगे कहा कि, एक बार अमेरिका के San Jose शहर में , जिसे Technology Hub के रूप में जाना जाता है, मैं  भारतीय युवाओं के साथ चर्चा कर रहा था कि वो भारत के लिए अपने talent को कैसे use कर सकते हैं, ये सोचें और समय निकाल कर के कुछ करें, मैंने Brain-Drain को Brain-Gain में भी बदलने की अपील की थी, रायबरेली के दो IT Professionals, योगेश साहू जी और रजनीश बाजपेयी जी ने मेरी इस चुनौती को स्वीकार करते हुए एक अभिनव प्रयास किया है।

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