ये टिप्स चुटकियों में दूर कर देंगे मैथ्स का डर

इंद्रकुमार विश्वकर्मा | Navpravah.com

आम तौर पर गणित विषय का नाम सुनते ही विद्यार्थियों के हाथ पैर ठंडे होने लगते हैं। इसी घबराहट के चलते बहुत से विद्यार्थी इस सब्जेक्ट को ठीक से पढ़ नहीं पाते, लिहाजा इस दिलचस्प विषय से उनकी दूरी बढ़ने लगती है। गणित के प्रति इस डर को निकालना परीक्षा में अच्छे अंक पाने के लिए अत्यंत आवश्यक है। इस सन्दर्भ में कुछ बातों का ध्यान रखें, तो यह समस्या निश्चित दूर हो सकती है।

यदि आप भी इस विषय की कठिनाइयों से परेशान हैं तो ये टिप्स आपके लिए हैं:

अगर आप किसी टॉपिक को नहीं समझ पा रहे हैं, तो उसे छोड़कर आगे बढ़ने की बजाय उसी पर फोकस करें। मान लीजिए, आप एल्जेबरा पढ़ रहे हैं और आपको इसे समझने में काफी परेशानी आ रही है, तो उसे छोड़ें नहीं। यह कभी नहीं सोचें कि इसे छोड़कर दूसरे चैप्टर को पढ़ना बेहतर रहेगा। गणित के सारे चैप्टर एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। अगर आप पहले वाला कोई चैप्टर छोड़ेंगे, तो आगे के चैप्टर में आपको और कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए थोड़ी और मेहनत करके पहले जो चैप्टर हाथ में है, उसे तैयार करें।

पाठ्यपुस्तक में दिए गए उदाहरण को समझने का पूरा प्रयास करें। इसे हल करके देखेंगे, तो आपको यह समझ मे आ जाएगा कि उस चैप्टर के सवाल कैसे होंगे। किताब के अलावा आप उदाहरणों को समझने के इंटरनेट आदि पर उपलब्ध सम्बंधित सामग्री का सहारा भी ले सकते हैं। चैप्टर की शुरुआत में आसान सवालों को हल करें। स्टेप दर स्टेप आप कठिन सवालों को भी हल करने लगेंगे। गणित किताब को पढ़ने से ज्यादा बेहतर उसकी प्रैक्टिस करना होता है।

यदि कोई विद्यार्थी या मित्र आपसे गणित के सवाल समझाने या हल करने के लिए कहे, तो तुरंत उसके लिए तैयार हो जाएं। आप जब किसी को बताने का प्रयास करेंगे, तो आप खुद भी उसे बेहतर तरीके से समझने लगेंगे। ऐसा माना जाता है कि आप जब किसी को कुछ सिखाते हैं, तो उस टॉपिक पर आपकी बेहतर पकड़ बन जाती है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा दूसरों के सवालों को भी हल करने का प्रयास करें।

हमेशा अपने सॉल्यूशन को साफ-सुथरा रखें। इससे आप सवाल बनाते समय कंफ्यूज नहीं होंगे।

फॉर्म्यूला याद रखना गणित में सबसे ज्यादा जरूरी है, अगर आपको वह याद नहीं है, तो आपका समय भी बर्बाद होगा और आप सवाल हल भी नहीं कर पाएंगे।

भूमिति में प्रमेय अत्यंत ही महत्वपूर्ण होते हैं, उन्हें बिल्कुल इग्नोर नहीं करना चाहिए, क्योंकि उन्हीं पर भूमिति के प्रश्न आधारित होते हैं। प्रमेय समझ लेने के बाद प्रश्नों को हल कर पाना एकदम सरल हो जाता है। भूमितीय आकृतियों जैसे त्रिभुज, वृत्त आदि की संकल्पना बिल्कुल स्पष्ट होनी चाहिए। क्षेत्रफल व आयतन आदि के सूत्र अच्छी तरह समझकर याद कर लेना आवश्यक है।
हर पाठ से अधिकतम प्रश्नों को हल करने का प्रयास करें।

छोटे प्रश्नों को हल करने पर अधिक ज़ोर दें। ये सरल भी होते हैं व इनसे आसानी से अंक भी प्राप्त किया जा सकता है।
बीजगणित या भूमिति के सभी चैप्टर्स के मुख्य मुद्दों पर नियमित रूप से ध्यान दें।
परीक्षा के दिन रिलैक्स्ड रहें और किसी भी प्रकार का तनाव न रखें।
जहाँ आवश्यक हो स्टेप्स के साथ रीज़न अवश्य दें।
अंतिम उत्तर को अवश्य रेखांकित करें।
मुख्य नए प्रश्न का आरम्भ नए पृष्ठ से ही करें।
किसी मुख्य प्रश्न के सभी उपप्रश्न एक साथ करें। यदि किसी प्रश्न को आप न हल कर पाएं, तो उसके लिए प्राप्त जगह छोड़ दें।
लेखन स्वच्छ व सुस्पष्ट हो, इसका पूरा ध्यान रखें।
सही मेथड के अनुसार ही प्रश्नों को हल करें।

एस.एस.सी के अल्जेब्रा (बीजगणित) का अंक-विभाजन इस प्रकार होगा: कुल – ४० अंक
अंकगणितीय तथा भूमितीय श्रृंखला (Arithmetic Progression) – १२ अंक

वर्ग समीकरण (Quadratic Equations)-  १२ अंक

युगपत रेखीय समीकरण (Linear Equations in Two Variables)-  १२ अंक

संभाव्यता (Probability) –  १० अंक

सांख्यिकी १ (Statistics-I)-  ०६ अंक

सांख्यिकी १  (Statistics-II –  ०८ अंक

एस.एस.सी के जेमेट्री (भूमिति) का अंक-विभाजन इस प्रकार होगा:  कुल – ४० अंक 

समरूपता (Similarity)  –  १२ अंक

वृत्त (Circle)  –  १0अंक

भूमितीय रचनाएँ (Geometric Construction) –  १0अंक

त्रिकोणमिति (Trigonometry)  –  १0अंक

निर्देशांक भूमिति (Coordinate Geometry)  –  08 अंक

क्षेत्रमिति (Mensuration)  –  १0 अंक

प्रश्नपत्र में प्रश्न के अनुसार भार:

अति लघु प्रश्न – ६ अंक
लघु प्रश्न – २७ अंक
दीर्घ प्रश्न – २७ अंक

यदि कोई विद्यार्थी सही तकनीक व रणनीति के साथ गणित को पढता व समझता है, तो निश्चित रूप से गणित उसको सबसे दिलचस्प विषय लगने लगेगा। इसके अलावां यह एक ऐसा विषय है, जिसमें विद्यार्थी सबसे ज़्यादा या फुल मार्क्स हासिल कर सकता है।

गणित के पेपर को समय से ख़त्म करने के लिए अपनाएं ये ख़ास मंत्र :

आमतौर पर देखा गया है कि विद्यार्थी गणित का इम्तिहान लिखते समय घबरा जाते हैं, जिसके चलते वे सभी प्रश्न सही से हल नहीं कर पाते और समय पर परीक्षा ख़त्म करने से चूक जाते हैंl समय की कमी के चलते विद्यार्थियों को कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न छोड़ने पड़ते हैं और अक्सर देखा गया है कि वे प्रश्न आसानी से हल किए जा सकते थे। ऐसे में स्थिति काफी निराशाजनक हो जाती है।

1. सबसे पहले गणित की मार्किंग स्कीम को बारीकी से समझें

किसी भी एग्जाम को देने से पहले उसके पैटर्न को समझना बेहद ज़रूरी होता है, क्योंकि इससे आप उस एग्जाम के असली स्ट्रक्चर से परिचित हो पाते हैं, जो आपको असल में एग्जामिनेशन हॉल में देखने को मिलेगा। इसके अलावा एग्जामिनेशन पैटर्न से आपको इम्तिहान में पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार का भी पता चलता है, जैसे कि कौन-कौन से प्रश्न कितने अंकों के होंगे। इससे आपको एग्जाम के दिन गणित के प्रश्न पत्र के स्ट्रक्चर को समझने में ज़्यादा दिक्कत नहीं होगी और आपका कीमती समय भी बच जाएगा।

2. एग्जाम देने से पहले एक रणनीति ज़रूर तैयार करें

एक बार जब आपने गणित विषय के लिए एग्जामिनेशन पैटर्न को अच्छे से समझ लिया हो, तो इसके बाद अगला काम होगा उस पैटर्न के अनुसार फाइनल एग्जाम के लिए एक ख़ास स्ट्रेटेजी तैयार करना। एग्जाम में कितने वर्गों में कितने प्रश्न पूछे जाएंगे और इन प्रश्नों का भार विभाजन किस प्रकार होगा, इन सभी का अच्छे से विश्लेषण करें।

आपको कक्षा 10वीं के बीजगणित व भूमिति विषय के बोर्ड एग्जाम में आपको मिलने वाले २ घंटों यानि १२० मिनटों में ४० अंकों के प्रश्न हल करने होंगे। यह बहुत आवश्यक है कि विद्यार्थी प्रश्नों के अनुसार समय का सही विभाजन कर लें।समय से पहले प्रश्नपत्र को हल करने का प्रयास करें व उत्तर चेक करने के लिए कुछ समय अवश्य शेष रखें।

3. परीक्षा लिखने से पहले मिलने वाले १० मिनट का समझदारी से इस्तेमाल करें

एस.एस.सी. की तरफ़ से अपने विद्यार्थियों को परीक्षा लिखने से पहले दिए जाने वाले १० मिनट का समय एग्जाम के लिए उचित रणीनीति तैयार करने के लिए सबसे बेहतरीन अवसर होता है। इन १० मिनटों में सभी प्रश्नों को ध्यानपूर्वक पढ़ें और उनको तीन वर्गों; सरल, मध्य और मुश्किल, में विभाजित कर लें। इससे आपको परीक्षा लिखने के लिए एक रफ़ प्लान मिल जाएगा।

4. मुश्किल लगने वाले प्रश्नों से कभी भी घबराएं ना

प्रश्न पत्र पढ़ते समय जब कोई प्रश्न आपको मुश्किल लगे, तो ऐसे में बिलकुल भी घबराएं ना क्योंकि आपकी इस घबराहट व डर के चलते आप बाकी के प्रश्नों को भी सही से हल नहीं कर पाएंगे और अंत में आपका प्रदर्शन ख़राब होगा। आप पहले सरल प्रश्नों को हल करें। जब आप कुछ प्रश्नों के सही हल निकाल लेंगे, तो स्वभाविक है कि आपका आत्मविश्वास बढ़ जाएगा और आप मुश्किल लगने वाले प्रश्नों को भी हल करने में ख़ुद को सक्षम पाएंगे।

5. हर प्रश्न को उसके महत्त्व व भार के अनुसार ही हल करें

जब आप प्रश्न पत्र हल करने जा रहे हों, तब आपको यह अंदाज़ा होना चाहिए कि कौनसा प्रश्न कितना महत्वपूर्ण है और उसको कितना समय देना चाहिएl इससे आप उन प्रश्नों पर ज़्यादा समय बर्बाद करने से बचेंगे जिनसे आपको कुछ ख़ास अंक प्राप्त नहीं होंगे, बल्कि उसकी जगह आप पहले उन प्रश्नों को हल करें, जो आपको अच्छे से आते हैं और जिनसे आपको अधिक्तम अंक मिलेंगे।

6. स्पीड और एक्यूरेसी साथ-साथ बनाए रखें

ध्यान रखें, पेपर हल करते समय एक्यूरेसी और स्पीड दोनों को साथ में लेकर चलेंl किसी एक का खाम्याज़ा दूसरे को ना भुगतना पड़े।  अपनी कैलकुलेशन में कुछ शोर्ट कट अपनाने की कोशिश करें, जिससे आपका महत्वपूर्ण समय भी बच सके। किसी भी प्रश्न को हल करते समय उसमें इस्तेमाल होने वाले प्लस (+), माइनस (-), आदि चिन्हों का ख़ास ध्यान रखें, वर्ना एक चिन्ह या टर्म ग़लत लिखने पर प्रश्न को हल करने में आपका अधिक समय तो बर्बाद होगा ही, आप सही उत्तर भी नहीं निकाल पाएंगे।

7. घड़ी की सुइयों पर पैनी नज़र बनाए रखें

परीक्षा के दौरान समय पर नज़र बनाये रखने से आपको पता चलता रहेगा कि आप अपने प्लान के मुताबिक कितना चल रहे हैं और आपको यह भी अंदाज़ा हो पाएगा कि कितने प्रश्न अभी बाकी हैं और इनको हल करने के लिए आपके पास कितना समय बचा है। एक बात याद रखें, आपके टाइम प्लान में यदि 5-10 मिनट कम या ज़्यादा हो रहे हों तो इससे घबराएं नहीं।

बोर्ड परीक्षा में गणित में सर्वश्रेष्ठ परिणाम पाने के लिए जितना ज़रूरी है, पाठ्यकम की तैयारी के लिए मेहनत करना उतना ही ज़रूरी है, प्रश्नों को हल करने के लिए सही रणनीति का इस्तेमाल करना, आखिर आपकी उत्तर पत्रिका ही तो आपकी साल भर की मेहनत को दर्शाएगी, जिससे आपको मनचाहे अंक प्राप्त होंगे।

(लेखक गत १७ वर्षों से अध्यापन कार्य में संलग्न हैं और एस.एस.सी. के परीक्षक हैं) 

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