केंद्र के फैसले का विरोध, आईआईटी मद्रास के करीब 50 छात्रों ने बीफ फेस्टिवल में हिस्सा लिया

कोमल झा |Navpravah.com

बीफ बैन का मामला तूल पकड़ने लगा है. अब केरल के बाद तमिलनाडु में भी केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में बीफ पार्टी का आयोजन किया गया. सरकार के प्रति विरोध दर्शाते हुए आईआईटी मद्रास के करीब 50 छात्रों ने बीफ फेस्टिवल में हिस्सा लिया. बूचड़खानों व मवेशियों की बिक्री पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के प्रति विरोध में यह फेस्टिवल आइआइटी मद्रास कैंपस में आयोजित किया गया था.पार्टी कब हुई अभी इसका खुलासा नहीं हुआ है.

जारी किए गए तस्‍वीर में छात्रों को कैंपस के लॉन में बैठकर बीफ खाते हुए देखा जा सकता है. केरल में सीपीआइ(एम) व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा बीफ फेस्‍टिवल के आयोजन के बाद तमिलनाडु में भी यह आयोजन हुआ.
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वहीं राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन ने 31 मई को बैन के विरोध में चेन्नई में प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कैटल स्लॉटर बंद करने के राज्य और केंद्र सरकार के फैसले को अनुचित बताया है.
केरल के कन्नूर में कांग्रेस की युवा इकाई के कुछ कार्यकर्ताओं ने पशुओं की बिक्री पर प्रतिबंध लगने के विरोध में सार्वजनिक रूप से एक जानवर का वध किया था. प्रदर्शनकारियों ने इस घटना को बीफ फेस्ट का नाम दिया था.
वहीं केरल यूथ कांग्रेस पर सरेआम गाय काटने के आरोपों को लेकर पार्टी बैकफुट पर है. कांग्रेस ने इस मामले में आरोप यूथ कांग्रेस के नेता रिजिल मकूती को सस्पेंड कर दिया है. इससे पहले पार्टी ने कहा था कि मामले की जांच के बाद अगर किसी कार्यकर्ता या नेता को गाय के खिलाफ क्रूरता का दोषी पाया गया तो कड़ी कार्रवाई होगी.
इससे पहले मामले ने तूल पकड़ा तो कांग्रेस ने आरोपियों से किनारा करने मे देर नहीं लगाया. पार्टी उपाध्यक्ष ने खुद ट्विटर पर घटना की निंदा की. इसी सिलसिले में 2 कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रस्ता दिखा दिया गया था. केरल पुलिस ने कांग्रेस वर्कर रिजिल मुकुलटी और उनके सहयोगियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
हालांकि केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने भी केंद्र सरकार के इस प्रतिबंध पर गुस्सा निकाला है. पी विजयन ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता को उनकी पसंद का खाना और सुविधाएं उपलब्ध कराएगी. लोग क्या खाएं, क्या नहीं यह उन्हें दिल्ली और नागपुर से जानने की जरूरत नहीं है. नागपुर से विजयन का इशारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से था.

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