अमित द्विवेदी,
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के दो शीर्ष पदाधिकारियों के वेतन में वृद्धि के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके तहत राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति की सैलरी बढ़कर तीन गुना हो सकती है।
दरअसल यह कदम सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद इसलिए भी आवश्यक हो गया था, क्योंकि राष्ट्रपति का वेतन देश के शीर्ष नौकरशाह की तनख्वाह से लगभग 1 लाख रूपए कम हो गया है। जानकारी के मुताबिक, इस प्रस्ताव को जल्दी ही केंद्रीय कैबनेट के समक्ष पेश किया जा सकता है।
वर्तमान में राष्ट्रपति का वेतन 1.50 लाख रूपए प्रति माह है, जबकि उपराष्ट्रपति का वेतन 1.25 लाख रूपए और राज्यपाल का वेतन 1.10 लाख रूपए है। सूत्रों के मुताबिक, प्रस्ताव के अनुसार राष्ट्रपति का वेतन पांच लाख रूपए और उपराष्ट्रपति का 3.5 लाख रूपए तक हो सकता है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद कैबिनेट सचिव का वेतन 2.5 लाख रूपए प्रति माह है, जबकि केंद्र सरकार के सचिव का वेतन 2.25 लाख रूपए प्रति माह है।
पूर्व में सन 2008 में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल के वेतनों में वृद्धि की गयी थी, जब संसद ने तीन गुना वृद्धि को मंजूरी दी थी।