राजेश सोनी | Navpravah.com
साल 2008 के मालेगांव बमब्लास्ट केस में कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा को कोर्ट ने राहत देते हुए उन पर लगे मकोका को हटा दिया है। अब मालेगांव ब्लास्ट में कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा पर आईपीसी के धाराओं के तहत केस चलेगा। इनमें हत्या और अपराधिक साजिश रचने की धाराएँ भी शामिल हैं।
2008 के मालेगांव ब्लास्ट के बाद ही देश में भगवा आतंकवाद नाम का शब्द सबसे पहले इस्तेमाल हुआ था। इस मामले में 20 नवंबर 2008 को मकोका लगा दिया गया और एटीएस ने 21 जनवरी 2009 को पहला आरोप पत्र दायर किया था। जिसमें 11 गिरफ्तार और 3 फरार आरोपी दिखाए गए, लेकिन उसके बाद इस केस की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA को सौंप दी गई। इस केस की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है। एनआइए ने 4 साल बाद कोर्ट में 31 मार्च 2016 को कोर्ट में एक नया आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें रिटायर रमेश शिवाजी उपाध्याय, समीर शरद कुलकर्णी, अजय राहिरकर, राकेश धावड़े, जगदीश महात्रे, कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी, रामचंद्र कालसांगरा और संदीप डांगे के खिलाफ पुख्ता सबूत होने का दावा किया गया।
कर्नल पुरोहित की पत्नी का बयान-
अब कर्नल पुरोहित पर से मकोका हटने के बाद उनकी धर्मपत्नी अपर्णा पुरोहित का बयान आया है। उन्होंने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा कि उनके पति पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं और मुझे विश्वास है कि उनपर लगे सभी आरोपों से वे जल्द बरी हो जाएंगे।
गोरतलब है कि यह ब्लास्ट 2008 में मालेगांव में हुआ था। इस ब्लास्ट में 6 लोग मरे थें और 101 लोग जख्मी हुए थे। विस्फोटक को एक मोटरसाईकिल में फिट कर के ब्लास्ट किया गया था। पुलिस ने मोटर साईकिल के नंबर के आधार पर सबसे पहले साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार किया था। उसके बाद ही कर्नल पुरोहित सहित 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था।