अमित द्विवेदी,
आज सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी दे दी गई। केंद्र के इस फैसले से केंद्र सरकार के करीब 50 लाख कर्मचारियों के वेतन में इज़ाफ़ा होगा और तकरीबन 58 लाख पेंशनधारियों फायदा होगा।
केंद्र सरकार ने जनवरी में वेतन आयोग की संस्तुतियों पर विचार करने के लिए, मंत्रिमंडलीय सचिव पी.के. सिन्हा के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया था। समिति द्वारा रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद वित्त सचिव अशोक लवासा ने बताया था कि आयोग ने सिफारिश की है कि न्यूनतम वेतन 18 हजार प्रति माह होना चाहिए। अधिकतम वेतनमान की सीमा प्रति माह 2 लाख 25 हजार रुपए होनी चाहिए।
वेतन आयोग ने रक्षा कर्मियों के अलावा केंद्र सरकार के ऐसे सभी कर्मियों को जो सैनिक नहीं हैं उन्हें और केंद्रीय सशस्त्र बलों के लिए भी ‘वन रैंक वन पेंशन’ की तरह के प्रावधान की संस्तुति की है। जिससे पेंशन धारकों और हाल ही में रिटायर हुए कर्मियों की पेंशन को बैलेंस किया जा सके।
वेतन आयोग की अनुशंसा को लागू करने से सरकारी आकलन के मुताबिक़, वेतन के लिए में खर्च में 39 हजार 100 करोड़ की बढ़ोत्तरी होगी, जबकि भत्ते में 29 हजार 300 करोड़ रुपए की वृद्धि होगी। पेंशन मद में 33 हजार 700 करोड़ रुपए खर्च बढ़ेगा।