एनपी न्यूज़ नेटवर्क | Navpravah.com
स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो में दिए गए भाषण की १२५वीं वर्षगाँठ पर विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छात्रों को संबोधित किया. ‘युवा भारत, नया भारत’ विषय पर छात्रों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वन्दे मातरम कहने का अधिकारी वही है, जो साफ़ सफाई के काम में जुटा हो. पान की पीक खुलेआम सड़कों और साफ़ सुथरी जगहों पर थूककर गन्दगी करने वालों को वन्दे मातरम कहने का कोई अधिकार नहीं है.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सपष्ट किया कि विवेकानंद में आत्मसम्मान का भाव बहुत गहरा था और आज हमें इस बात को गंभीरता से सोचने की आवश्यक्ता है. मोदी ने कहा की स्वामी जी ने १२५ साल पहले सन्देश नहीं दिया था, बल्कि ‘विचारों’ को ‘विचारवाद’ में बदला था. स्वामी विवेकानंद ने पश्चिमी देशों को भारतीय अध्यात्मिकता से परिचित कराया था. पीएम ने कहा कि मेक इन इंडिया का संदेश विवेकानंद ने ही दिया था.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान का ज़िक्र करते हुए कहा कि हमें इस बात पर गौर करना चाहिए कि हम चिकित्सकों और चिकित्सालयों नहीं, बल्कि सफाई कर्मियों की बदौलत स्वस्थ रहते हैं. उन्होंने कहा कि पान की पिचकारी थूक कर हमें वंदे मातरम् कहने का कोई हक़ नहीं है. हमने पहले शौचालय फिर देवालय का नारा दिया. पीएम ने कहा कि वंदे मातरम् कहने का हक़दार वही है जो सफ़ाई में जुटा हो. उन्होंने कहा कि जो छात्र लड़कियों का सम्मान करते हैं उन्हें वह सौ बार नमन करते हैं.
प्रधानमंत्री ने छात्र राजनीति का जिक्र किया और कहा कि आज तक मैंने नहीं सुना कि छात्र संघ चुनाव में किसी उम्मीदवार ने यह कहा हो कि हम कैम्पस को साफ रखेंगे. उन्होंने कहा कि क्या हम नहीं चाहते कि हम अपने देश को 21वीं सदी का भारत बनाये, गांधी, भागत सिंह, राजगुरू, आजाद, विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस के सपनों का भारत बनाएँ. यह हमारा दायित्व है और हमें इसे पूरा करना है.