शिखा पाण्डेय |Navpravah.com
धारा 370 को हटाना या जारी रखना , तमाम राजनीतिक पार्टियों के बीच हमेशा से विवाद का विषय रहा है। इस मुद्दे पर तमाम नेता-अभिनेता अपना मत व्यक्त करते रहते हैं।कश्मीरी पंडित होने के नाते अभिनेता अनुपम खेर अक्सर इस विषय पर अपनी राय खुलकर व्यक्त करते हैं। खेर का मानना है कि कश्मीर समस्या के समाधान के लिए धारा 370 को हटाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि अगर वहां देश के अन्य हिस्सों के लोगों को संपत्ति खरीदने का अधिकार हो, शिक्षा के क्षेत्र में काम करने का अधिकार मिले तो इस समस्या का यह बेहतर समाधान हो सकता है।
इंडिया आसियान यूथ समिट में हिस्सा लेने पहुंचे अनुपम ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, “कश्मीर में रहने वाले भी तो हमारे ही भाई-बहन हैं। इसलिए वहां जाकर दूसरे लोगों को बसने का अधिकार क्यों नहीं होना चाहिए? इतना ही नहीं देश के अन्य हिस्सों के लोगों को, जो अवसंरचना विकास का लाभ मिल रहा है, वह लाभ कश्मीर के लोगों को भी मिलना चाहिए।” खेर ने कहा कि धारा 370 के हटाने से अगर देश के अन्य हिस्सों के लोगों को वहां उद्योग लगाने, शिक्षा संस्थान खोलने, संपत्ति खरीदने का अधिकार मिल जाता है, तो यह कश्मीर समस्या का एक उत्तम समाधान हो सकता है।
उन्होंने परोक्ष रूप से अलगाववादियों पर तंज कसते हुए कहा, “चंद गिनती के लोग वहां की जनता के बारे में तय नहीं कर सकते कि क्या होना चाहिए। वहां के लोगों को भी बेहतर सुविधा मिले। अच्छे पुल हों, सड़कें हों। यह तभी संभव है, जब धारा 370 को हटा दिया जाए।”
दूसरी ओर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह एक मिथक है कि राज्य में धारा 370 व जम्मू एवं कश्मीर के विशेष दर्जे की वजह से निवेश नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा, “हमारा राज्य देश के सबसे उत्तरी भाग में स्थित एक छोटा राज्य है। जम्मू एवं कश्मीर के किसी उत्पादक के लिए अपने उत्पाद को चेन्नई में बेचना कठिन है। सच्चाई यह है कि निवेश इसलिए नहीं आ रहा क्योंकि यहां हालात ठीक नहीं हैं, धारा 35ए इसकी वहज नहीं है।”