एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
प्राइवेट जॉब हो या सरकारी जॉब टेंशन हर जगह रहती है, 9 से 10 घंटे की शिफ्ट करने के बाद भी लोगों को घर में भी ऑफिशियल फोन और मेल का सामना करना पड़ता है।
नौकरीपेशा लोगों को इस समस्या से निकालने के लिए एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने लोकसभा में एक प्राइवेट मेंबर बिल को पेश किया गया, जिसके बारे में जानकर सभी नौकरीपेशा लोग झूम उठेंगें।
इस बिल को राइट टू डिसकनेक्ट नाम दिया गया है, इसमें ऐसा प्रावधान है जिसके मुताबिक, नौकरी करने वाले लोग अपने ऑफिस आवर्स के बाद कंपनी से आने वाले फोन कॉल्स और ईमेल का जवाब न देने का अधिकार हासिल कर लेंगें।
‘द राइट टू डिस्कनेक्ट’ बिल कर्मचारियों के स्ट्रेस और टेंशन को कम करने की सोच के साथ लाया गया है, इससे कर्मचारी के पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ के बीच के तनाव को कम करने में मदद मिलेगी।
इस बिल के अध्ययन के लिए कल्याण प्राधिकरण का गठन किया जाएगा. इस,प्राधिकरण में सूचना तकनीक, संचार और श्रम मंत्रियों को रखा जाएगा, बिल का अध्ययन करने के बाद एक चार्टर भी तैयार किया जाएगा।
बताया गया है कि जिन कंपनियो में 10 से ज्यादा कर्मचारी हैं वे अपने कर्मचारियों के साथ बात करें और वो जो चाहते हैं वे चार्टर में शामिल करें, इसके बाद रिपोर्ट बनाई जाएगी।