सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में विदेशी छात्रों को अब आसानी से प्रवेश मिलेगा। उन्हें केवल एक परीक्षा जेईई (एडवांस) पास करना होगा, जबकि भारतीय छात्रों को पहले जेईई (मेन) पास करना होता है। आईआईटी परिषद ने वर्ष 2018 के लिए जेईई (एडवांस) की विवरणिका जारी की है। इसके अनुसार प्रत्येक पाठ्यक्रम में 10 फीसदी सीटें विदेशी छात्रों के लिए आरक्षित रहेंगी।
विदेशों में रह रहे भारतीयों के बच्चे (एनआरआई), भारतीय मूल के नागरिकों के बच्चे (पीआईओ) तथा विदेशों में बसे भारतीय नागरिकों (ओसीआई) के बच्चों के लिए यह सुविधा नहीं है। वे यदि आईआईटी में दाखिला लेना चाहते हैं, तो पहले उन्हें जेईई मेन टेस्ट पास करना होगा।
जेईई (एडवांस) 20 मई को होना है, इसका आयोजन आईआईटी खुद करता है। आईआईटी में करीब 11 हजार सीटें हैं। अभी तक एनआरआई, पीआईओ और ओसीआई श्रेणी के छात्रों को सामान्य श्रेणी की ही सीटों पर एडमिशन दिया जाता है। जेईई एडवांस के लिए इस बार छह देशों में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इनमें कोलंबो (श्रीलंका), ढाका(बांग्लादेश), दुबई(संयुक्त अरब अमीरात), काठमांडू(नेपाल), सिंगापुर तथा आदिस अबाबा (इथियोपिया) शामिल हैं।
इस परीक्षा में करीब 12 लाख छात्र अपनी किस्मत आजमाते हैं, लेकिन इनमें से शीर्ष 2.24 लाख छात्रों को ही एडवांस देने का मौका मिलता है। विदेशी छात्रों को राहत यह रहेगी कि वे इस झमेले में नहीं पड़ेंगे, लेकिन बाकी नियम एवं शर्तें समान रहेंगी।