एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक नीति आयोग द्वारा आयोजित ‘भारत का कायाकल्प’ सेमिनार में बोलते हुए गेट्स ने कहा कि डिजिटल तरीकों से लेनदेन से पारदर्शिता बढ़ेगी और कालाधन समेत नकली नोटों के चलन में अभूतपूर्व कमी आएगी।
उन्होंने भारत के प्रयासों को लेकर कहा कि देश जो प्रयास कर रहा है, वैसा दुनिया के किसी दूसरे देश ने पहले कभी नहीं किया है। भारत यह बात जानता है कि उसे कितनी अहम चुनौतियों को पार करना है। साथ ही सरकार भी इन समस्याओं से निपटने के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रही है। उन्होंने कहा कि भारत में डिजिटल वित्तीय समावेश के सभी साधन मौजूद हैं। आधार से खाता खोलने की कागजी कार्रवाई कम होगी और यह काम 30 सेकेंड में हो जाएगा। आधार से एक एकीकृत डाटा भंडार भी बनेगा।
गेट्स के मुताबिक केंद्र सरकार के इस फैसले से देश में शैडो इकॉनमी को खत्म करने में मदद मिलेगी और साथ ही भारत कैशलेस इकॉनमी की ओर बढ़ सकेगा। बिल गेट्स ने तकनीक को अहम बताते हुए कहा कि वह कैशलेस इकॉनमी में विश्वास करते हैं, लेकिन यह तभी ताकतवर साबित होती है जब उसका इस्तेमाल करने वाले लोग भी मजबूत हों। उन्होंने कहा कि नियमन और तंत्र के लिए भी तकनीक का इस्तेमाल बेहतर होता है, मगर तकनीक तभी लंबे समय तक काम कर सकती है जब उस दुनिया में स्थिरता और स्थायित्व हो जिसमें हम रह रहे हैं।