शिखा पाण्डेय | Navpravah.com
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ के 35वें संस्करण की शुरुवात हरियाणा में हुए हिंसक प्रदर्शन से की।
मोदी ने गुरमीत राम रहीम के समर्थकों द्वारा फैलाये गए आतंक और हरियाणा सरकार की लापरवाही पर एकदम कड़ा रुख़ अपनाते हुए कहा कि यह देश अहिंसावादी देश है। हिंसा फैलाने वाले किसी सी भी व्यक्ति या समूह को न देश बर्दाश्त करेगा, न सरकार। उन्होंने कहा कि कानून को हाथ में लेने वाले को कानून कतई नहीं बख्शेगा। बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा बनाये गए संविधान का पालन करते हुए हर किसी को कानून के सामने झुकना होगा।
इसके बाद मोदी ने भारत के विभिन्न त्योहारों का ज़िक्र करते हुए देश को ‘मिच्छामि दुक्कडम’ कहा। मोदी ने कहा कि हमारे शास्त्र भी यही कहते हैं कि क्षमा ही वीरों का धर्म है। मोदी ने शेक्सपियर की मर्चेंट ऑफ़ वीनस का भी ज़िक्र किया। पीएम ने देशवासियों को गणेश चतुर्थी, ओणम व ईद-उल-जुहा की भी बधाई दी। उन्होंने त्योहारों को टूरिस्ट्स के आकर्षण का भी कारण बताया और उसे और बढ़ावा देने का आह्वान किया।
मोदी ने कहा कि त्यौहार आस्था , विश्वास और उल्लास का ही नहीं, स्वच्छता का भी प्रतीक हैं। स्वच्छता को व्यक्तिगत नहीं, सामाजिक स्वाभाव बनाना आवश्यक है। पीएम ने देश में इको फ्रेंडली गणेश मूर्तियों के द्वारा इन्वायरमेंट के प्रति देशवासियों में आई जागरूकता की प्रशंसा की व मीडिया के प्रयासों की भी सराहना की।
मोदी ने उस इंजीनियर युवक का भी ज़िक्र किया जिसने मिट्टी से बनी गणेश मूर्तियों व गमलों में उन मूर्तियों के विसर्जन के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाई ताकि उसमें पौधे उगाये जा सकें। पीएम ने कहा कि इस बार 2 अक्टूबर को स्वच्छता अभियान के 3 वर्ष पूरे होंगे। इन तीन वर्षों में 2, 30,000 गांवों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त गांव घोषित किया है। गुजरात के बनासकाठा में पिछले साल आई बढ़ के बाद फैली गंदगी को साफ़ करने वाले ‘जमीयत उलेमा ए हिन्द’ संगठन की प्रशंसा करते हुए पीएम ने बताया कि इस संगठन ने 3 मस्जिदों ही नहीं, 22 मंदिरों की सफाई कर देश में स्वच्छता के साथ-साथ एकता व सौहार्द्रता की भी मिसाल कायम की है।
मोदी ने देशवासियों से स्वच्छता के लिए श्रमदान करने का आह्वान किया ताकि लोग समय निकालकर अपने आस पास के परिसर को स्वच्छ बनाएं। मोदी ने देशवासियों से ‘स्वच्छता ही सेवा’ की मुहिम चलाने की गुज़ारिश की। मोदी ने कहा कि स्वच्छता अभियान में अपने 15 दिनों के योगदान से हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।
मोदी ने मन की बात कार्यक्रम से जुड़ने व अपने सुझाव देने के लिए लाखों लोगों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने पुणे की अपर्णा का वॉइस मेसेज शेयर करते हुए कहा कि हम बड़े शोरूम्स , होटल्स में बेफिक्र पैसे उड़ाते हैं और गरीब सब्जीवाले, रिक्शा वाले मेहनतकश लोगों से मोल भाव कर उनका अपमान करते हैं जो बेहद गलत व शर्मनाक है।
29 अगस्त, राष्ट्रीय खेल दिवस पर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को याद करते हुए पीएम ने देश के बच्चों व युवाओं से आग्रह किया कि वे आउटडोर खेलों के प्रति जागरूक हों, जो उन्हें फिजिकली फिट रखने के लिए आवश्यक हैं। पीएम ने बताया कि खेल मंत्रालय द्वारा खेल व खिलाड़ियों को ट्रेनिंग व प्रोत्साहन देने के लिए एक पोर्टल 28 अगस्त को लांच किया जायेगा। मोदी ने उन 6 महिला नेवी ऑफिसर्स को भी शुभकामनाएं दीं, जो INS तारिणी के साथ विश्व का परिभ्रमण कर देश को गौरवान्वित करेंगी।
5 सितंबर को मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस पर बदलाव का संकल्प लेने की अपील करते हुए उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन के शिक्षण के प्रति समर्पण को याद किया। शिक्षको की भूमिका की बात करते हुए पीएम ने कहा कि अपने छात्रों में सृजनात्मक भाव और ज्ञान का आनंद जगाना ही एक शिक्षक का सबसे महत्वपूर्ण गुण है। उन्होंने गुज़ारिश की कि इस बार जब शिक्षक दिवस मनाएँ, तब हम सब ‘एजुकेशन तो एम्पॉवर’ का संकल्प करें। ट्रांसफॉर्मेशन में शिक्षक की बड़ी भूमिका होती है। पीएम ने कहा कि ‘टीच तो ट्रांसफॉर्म’ का मंत्र लेकर चलें।
पीएम ने कहा, “28 अगस्त को जन धन योजना के तीन साल पूरे हो जाएंगे। यह दुनियाभर के अर्थशास्त्रियों में चर्चा का विषय है। इस योजना से 30 करोड़ लोगों को जोड़ा गया है। इसमें गरीबों द्वारा 65 हजार करोड़ कर रकम जमा है।” मोदी ने कहा कि रुपे कार्ड से गरीब भी अपने आपको अमीरों के स्तर पर पाता है। इससे समाज में समानता का भाव उत्पन्न हुआ है।