शिखा पाण्डेय | Navpravah.com
अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी नासा सौर मंडल में भविष्य में मानवीय खोजों को बढ़ावा देने के लिए 2017 के अंत तक अपनी अगली पीढ़ी की परमाणु घड़ी अंतरिक्ष में भेजने के लिए तैयार है। नासा ने अंतरिक्ष अभियानों में सहायता के लिए यह नई एटॉमिक घड़ी तैयार की है। यह घड़ी भविष्य में अंतरिक्ष में मानव अभियानों को सुरक्षित तरीके से अंजाम देने में सहायक होगी।
नासा की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि कैलिफोर्निया के पासाडेना स्थित नासा के जेट प्रणोदन प्रयोगशाला के इंजीनियरों ने अंतरिक्ष यान के साथ गहरे अंतरिक्ष में परमाणु घड़ी को बनाने का काम पूरा कर लिया है, जिसे अंतरिक्ष यान की मदद से 2017 के अंत में कक्षा में ले जाया जाएगा। यह घड़ी इससे पहले भेजी गई किसी भी परमाणु घड़ी की तुलना में छोटी व हल्की होगी और इसका परिमाण ज्यादा सटीक होगा।
वैज्ञानिकों ने बताया कि किसी भी अंतरिक्ष अभियान में सबसे महत्त्वपूर्ण होती है समयबद्धता। किसी भी अंतरिक्ष यान को भेजने के बाद समय-समय पर उसकी स्थिति की निगरानी की जाती है और आवश्यकता पड़ने पर उसके पथ में संशोधन भी किया जाता है। इस प्रक्रिया में धरती पर स्थित एंटीना से यान को संकेत भेजा जाता है। संकेत मिलने के बाद यान उसका प्रत्युत्तर देता है।
संकेतों के आदान-प्रदान में लगे समय के हिसाब से ही वैज्ञानिक यान की स्थिति और दूरी की गणना करते हैं और यह निर्धारित करते हैं कि पथ में किसी तरह का सुधार करना है या नहीं। नई एटॉमिक घड़ी इस प्रक्रिया को सरल बना सकती है। इसके माध्यम से यान पर ही स्थिति का आंकलन करना और पथ में सुधार करना संभव हो सकेगा।