शिखा पाण्डेय,
आज आज ऑल इंडिया रेडियो पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24वीं बार ‘मन की बात’ की। प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर में उरी हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि हमने इस हमले में अपने 18 सपूत खोये, यह क्षति पूरे राष्ट्र की है। उन्होंने कहा, “सेना बोलती नहीं, पराक्रम दिखाती है। हमें उनपर नाज़ है।”
कश्मीर के तनावपूर्ण माहौल को ध्यान में रख कश्मीर के नागरिकों को विशेष रूप से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर के नागरिक देश विरोधी ताकतों को समझने लगे हैं। वे समझ गए हैं कि शांति प्रेम व सद्भावना ही प्रगति का रास्ता है। 11वीं के एक छात्र हर्षवर्धन का ज़िक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि हर कोई राष्ट्र के प्रति अपने स्तर पर अपना रचनात्मक योगदान दे, तो देश अवश्य प्रगति करेगा।
मोदी ने रियो पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों के उम्दा प्रदर्शन के लिए उन्हें बहुत बहुत बधाई दी। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाड़ियों ने साबित कर दिया कि संकल्प पर उम्र या किसी शारीरिक अक्षमता का कोई असर नहीं होता। मोदी ने कहा कि पैरालंपिक खेलों में और बेहतर प्रदर्शन के लिए भविष्य में कारगर योजनाएं बनाएंगे। प्रधानमंत्री ने दीपा मालिक के उस वाक्य को दोहराया जो उन्होंने जीत के बाद कहा था- “मैडल से मैंने विकलांगता को पराजित कर दिया है।”
स्वच्छ भारत अभियान के विषय में उन्होंने कहा कि इस 2 अक्टूबर को इस सफल अभियान के 2 वर्ष पूरे हो जायेंगे। मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की सफलता के लिए नागरिकों के साथ साथ मीडिया के योगदान की भी सराहना की। उन्होंने बताया कि इन 2 सालों में लगभग ढाई करोड़ शौचालयों का निर्माण हुआ और आगामी वर्ष में डेढ़ करोड़ शौचालय और बनाए जायेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि आम जन में स्वच्छता के लिए जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने आम जनता से आह्वान किया कि वे स्वच्छता को अपना स्वभाव बनायें। मोदी ने बताया कि स्वच्छता की जानकारी प्राप्त करने के लिए एक टेलीफोन नंबर,1969 भी जारी किया गया है।
मोदी ने सभी देशवासियों से निवेदन किया कि वे अक्टूबर से लेकर दिवाली तक खादी का कुछ न कुछ सामान अवश्य खरीदें, ताकि गरीबों में घर में भी दिया जल सके। उन्होंने कहा कि गांधी व शास्त्री को याद करते हुए प्रत्येक नागरिक देश के लिए कुछ करने का संकल्प करें। 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक ‘जॉय ऑफ़ गिविंग वीक’ की जो शुरुआत नौजवानों ने की है, उसकी भी उन्होंने सराहना की और सभी से निवेदन किया कि वे उससे जुडें।
अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि शक्ति की निरंतर साधना करें व एकता, शांति व सद्भावना के संकल्प के साथ आगामी विजयादशमी का विजय पर्व मनाएं।