नई दिल्ली ब्यूरो | Navpravah.com
विजय माल्या के यूबी समूह की होल्डिंग कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज है। इस कंपनी ने कर्नाटक हाईकोर्ट में कहा कि संपत्ति और शेयर की कुल वैल्यू 12400 करोड़ रुपए से ऊपर है, जो कि कंपनी की कुल देनदारी, जिसमें कि 6000 करोड़ रुपए का कर्ज भी शामिल है, उसको आसानी से ब्याज के साथ चुकाया जा सकता है।
किंगफिशर कंपनी के साथ भी यही बात लागू होती है, क्योंकि यूबीएचएल कॉर्पोरेट गारंटर है जिसके आधार पर कर्ज दिया गया था। कोर्ट से कहा गया कि प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी के जिस संपत्ति और शेयर को अटैच किया है, उसकी वजह से कंपनी अपंग हो गई है।
बेंगलुरु की एक अदालत ने 19 जनवरी को भगोड़े शराब व्यापारी विजय माल्या और 18 अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था । गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय ने इन लोगों के खिलाफ निवेश के लिए तथ्यों को छुपाने का भी आरोप लगाया है।
माल्या के अलावा, जिनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ, उनमें यूबी ग्रुप के मुख्य वित्त अधिकारी ए.के.रवि नेदुंगड़ी, डेक्कन एविएशन के प्रमोटर कैप्टन जी.आर. गोपीनाथ, एंबिट प्राइवेट लिमिटेड के अशोक वाधवा समेत कंपनी से जुड़े कई चार्टर अकाउंटेंड शामिल हैं।
अदालत ने अपने आदेश में कहा था, “वर्तमान मामले में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई है, अदालत इसलिए महसूस करती है कि यह वारंट का मामला है, इसलिए अदालत समन जारी करने के बदले, सभी अभियुक्तों के खिलाफ वारंट जारी करती है।
दिल्ली की एक अदालत ने बीते 4 जनवरी को विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम के नियमों का उल्लंघन करने के मामले में शराब कारोबारी विजय माल्या को ‘भगोड़ा’ घोषित कर दिया था, क्योंकि तथ्यों के आधार पर विजय माल्या 30 दिनों के भीतर अदालत में उपस्थित नहीं हो पाए थे। न ही उनकी ओर से कोई प्रतिनिधि अदालत में उपस्थित हो पाया था।