जल्द पारित होगा ‘गंगा एक्ट’ -उमा भारती

शिखा पाण्डेय,

केंद्रीय जल संसाधन और गंगा सरंक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा है कि ‘नमामि गंगे’ अभियान के जरिये केंद्र सरकार पवित्र गंगा नदी को वर्षों से गंदा किये जाने का प्रायश्चित करने का प्रयास कर रही है। साथ ही उन्होंने जल्द से जल्द गंगा एक्ट पारित कराने की बात कही।

केंद्र सरकार की ‘नमामि गंगे’ अभियान के तहत उत्तराखंड में 250 करोड़ रूपये की लागत वाली 43 परियोजनाओं का शुभारंभ करते हुए भारती ने कहा कि इस अभियान की सफलता के लिये राज्यों से परामर्श करके शीघ्र ‘गंगा एक्ट’ बनाया जायेगा, जिससे वर्ष 2018 तक गंगा को निर्मल और अविरल बनाया जा सके।

इस अभियान की सफलता के लिये संसद में ‘गंगा एक्ट’ पारित करवाने के बारे में विचार-विमर्श जारी होने की घोषणा करते हुए उमा ने कहा कि उद्योगों को गंगा में अशोधित कचरा डालने से न केवल रोका जायेगा, बल्कि उनके शोधित कचरे को भी सिंचाई के काम के लिये अन्यत्र भेजे जाने की व्यवस्था की जायेगी। इस संबंध में उन्होंने कहा कि इस अधिनियम का कच्चा ड्राफ्ट बनाकर राज्यों को भेजा जायेगा और उनके सुझावों को मिलाकर अंतिम ड्राफ्ट तैयार होगा।

गलत योजनाओं की वजह से गंगा हुईं दूषित-

भारती ने कहा, “गंगा अशोधित जल के कारण उतनी प्रदूषित नहीं हुई है, जितनी वह गलत योजनाओं के कारण हुई हैं। नमामि गंगे के तहत शुरू की गयी परियोजनायें गंगा को वर्षों से गंदा करने के लिये प्रायश्चित करने हेतु एक प्रकार के सुधारात्मक कदम हैं।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस अभियान से न केवल गंगा नदी को साफ किया जायेगा बल्कि यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि वर्ष 1985 से पिछले 29 सालों में खर्च गंगा एक्शन प्लान के तहत खर्च किये गये करीब 4000 करोड़ भी बेकार न हों।

उमा जनता में स्वच्छ गंगा के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिये आगामी अक्टूबर से गंगा पद यात्रा करेंगी और इस दौरान लोगों को यह बतायेंगी कि इस महान कार्य में वे कैसे अपना कीमती योगदान दे सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि आज पूरे देश में करीब 100 स्थानों पर ‘नमामि गंगे’ अभियान के तहत 1500 करोड़ रूपये की 230 परियोजनाओं की शुरूआत की गयी। इस मौके पर गडकरी ने कहा कि अभियान के तहत पूरे देश में 1500 करोड़ रूपये की परियोजनाओं को शुरू कर उमा भारती ने गंगा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को सिद्ध कर दिया है।

उन्होंने कहा कि इस साल नमामि गंगे के तहत 60 सीवर ट्रीटमेंट संयंत्र और 50 अन्य बडी परियोजनायें शुरू की जायेंगी। बतौर मुख्य अतिथि दिये अपने संबोधन में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि गंगा को निर्मल एवं स्वच्छ बनाने के लिए राज्य सरकार को केंद्र से जो भी दायित्व मिलेगा, उसमें पूर्ण सहयोग के साथ काम किया जायेगा। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना को सफल बनाने के लिए वृक्षारोपण एवं वर्षा के जल को संरक्षण करने के लिए बोनस देने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है।

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