तो यहाँ छुपा बैठा है बग़दादी!

भारतीय सैनिकों का सर काटो -ISIS

 

 

शिखा पाण्डेय

पिछले महीने से ही मोसुल शहर पर निर्णायक हमला कर रही अमेरिका समर्थित इराकी सेना की मशक़्क़त के बावजूद आतंकवादी संगठन आईएसआईएस प्रमुख अबु बक्र अल-बगदादी का ख़ात्मा नहीं हो पाया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अपनी जान बचाने के लिए बगदादी एक सुरंग में रह रहा है और वो अपने साथ हमेशा एक आत्मघाती जैकेट रखता है। बगदादी इराक के मोसुल में छिपा हुआ है। मोसुल को आईएसआईएस का गढ़ माना जाता है।

समाचार एजेंसी रॉयटर्स और मेलऑनलाइन की रिपोर्टों के अनुसार बगदादी इस समय इतना डरा हुआ है कि उसने अपने करीब एक दर्जन करीबियों को दुश्मनों के लिए जासूस करने के आरोप में जान से मार दिया है। रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने उसने अपने एक करीबी कमांडर समेत 50 लोगों को डुबो कर मार दिया क्योंकि उनके मोबाइल सिम कार्ड से पता चला था कि वो संयुक्त सैन्य बल से संपर्क में थे। इस संयुक्त सैन्य बल में इराकी, कुर्दिश और अमेरिकी सैनिक शामिल हैं।

रॉयटर्स द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार बगदादी अब कहीं आता-जाता नहीं है और अपने हुलिए पर भी ध्यान नहीं देता। संदेश के अनुसार बगदादी एक सुरंग में सोता है, जो कई जगहों पर निकलती है। वो अपना आत्मघाती जैकेट हमेशा अपने साथ रखता ताकि अगर वो पकड़ा जाए तो खुद को विस्फोट से उड़ा सके।

मोसुल में रहने वालों ने खुफिया एजेंसियों को बताया कि आईएसआईएस के आतंकियों ने जगह-जगह पर नाके बना रखे हैं जहां लोगों की तलाशी ली जाती है। जिस किसी के पास कोई सिम कार्ड या अन्य इलेक्ट्रानिक यंत्र पाया जाता है,आईएसआईएस के आंतकी तुरंत उसे मौत के घाट उतार देते हैं। इराकी अधिकारियों के अनुसार आईएसआईएस ने 42 स्थानीय कबायलियों को भी मार डाला क्योंकि उनके पास से सिम कार्ड बरामद हुए थे। हालांकि आईएसआईएस के कई गिरफ्तार आतंकी इराकी खुफिया एजेंसियों को गुप्त सूचनाएं देते रहते हैं। वहीं आईएसआईएस के कब्जे वाले इलाके में फंसे कई आम नागरिक भी संयुक्त सैन्य बलों की मदद कर रहे हैं।

गौरतलब है कि साल 2014 में बगदादी ने इराक और सीरिया के बड़े इलाके पर कब्जा करने के बाद खुद को मुसलमानों का खलीफा घोषित किया था। एक समय आईएसआईएस का इराक के एक तिहाई हिस्से पर कब्जा हो गया था, लेकिन इराकी सेना ने धीरे-धीरे बड़ा इलाका वापस पा लिया। अमेरिका समर्थित संयुक्त सैन्य बल ने आईएसआईएस के कब्जे वाले आखिरी बड़े शहर मोसुल को आजाद कराने के लिए 17 अक्टूबर को निर्णायक हमला शुरू किया था जो अभी जारी है।

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