पीयूश चिलवाल | Navpravah.com
रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद को लेकर लंबे वक़्त से चल रहे विवाद की आज से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो जाएगी। सुनवाई दोपहर दो बजे से जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर की तीन न्यायधीशों वाली पीठ करेगी। सुनवाई की अध्यक्षता न्यायमूर्ती दीपक मिश्रा करेंगे।
इससे पहले 7 वर्ष पूर्व इलाहाबाद हाईकोर्ट इस पर फैसला सुना चुका है और ऐसा पहली दफ़ा हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए तीन जजों वाली विशेष बेंच का गठन किया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट अपने फैसले में विवादित भूमि को उसके तीनों पैरोकार रामलला मंदिर, निर्मोही अखाड़ा और सुन्नी वक्फ़ बोर्ड के बीच बराबर हिस्सों में बांट चुका है।
वहीं मामले की सुनवाई से पहले ही हिंदूमहासभा के वक़ील ने कहा है कि असलियत हमेश सामने आती है और यह बात मुसलमान भी समझते हैं। वे भी जानते हैं कि मंदिर तोड़ कर मस्जिद बनाई गयी थी। दूसरी जगह मस्जिद के लिए जमीन देने का मतलब ही नहीं बनता। उनका कहना था कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हिंदुओं के पक्ष में जाएगा और राममंदिर जल्द बनेगा।
वहीं शिया वक्फ़ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट मे हलफ़नामा दायर कर यह स्वीकार किया है कि विवादित भूमि पर राममंदिर था जिसे मीर बांकी ने तुड़वाकर बाबरी मस्जिद का निर्माण किया। दायर किए गए हलफनामे में बोर्ड ने विवादित भूमि पर राम मंदिर बनाने की बात कही है और कहा है कि मंदिर से उचित दूरी पर मस्जिद बनायी जाए। ऐसा पहली दफ़ा हुआ है जब किसी मुस्लिम संगठन ने विवादित स्थल पर राममंदिर होने की बात स्वीकारी है हालांकि शिया वक़्फ बोर्ड इस मामले में पैरोकार नहीं है और वह विवादित स्थल पर हक़ को लेकर 1946 में सुन्नी वक़्फ बोर्ड से केस हार चुका है।