सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेस कर ‘भारतमाला’ परियोजना के बारे में जानकारी दी। इस योजना के तहत अगले पांच साल में सात लाख करोड़ रुपये खर्च करके 83,000 किलोमीटर से अधिक राजमार्ग का विकास किया जाएगा, इस परियोजनाओं को 2022 तक पूरा किया जायेगा।
केंद्र सरकार ने भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत 83 हजार किलोमीटर की राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार के अधिकारी ने कहा कि जिन राजमार्ग परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, उसमें आर्थिक गलियारा विकास शामिल है और इसका मकसद माल ढुलाई में तेजी लाना होगा।
इसके साथ ही प्रमुख शहरों के बीच तय किए जाने वाले समय में भी काफी कमी आएगी। आर्थिक गलियारे के तहत मुंबई-कोचीन-कन्याकुमारी, बेंगलुरु-मेंगलुरु, हैदराबाद-पणजी, संबलपुर-रांची के मार्ग शामिल है।
इससे पहले सरकार आर्थिक गलियारे के तहत 21 हजार किलोमीटर और फीडर रूट के 14 हजार किलोमीटर सड़क निर्माण का ऐलान कर चुकी है, प्रधानमंत्री कार्यालय सार्वजनिक निवेश बोर्ड से प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण की परियोजनाओं को मंजूरी का निर्देश दे चुका है।
भारतमाला परियोजना के लिए 2.09 लाख करोड़ रुपये बाजार से, 1.06 लाख करोड़ निजी निवेशकों से और 2.19 लाख करोड़ टोल आदि से जुटाया जाएगा। भारतमाला केंद्र सरकार की वृहद सड़क निर्माण परियोजना है।
वित्त मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस में ये भी कहा कि जिन लोगों को 2जी और कोल स्कैम की आदत थी उन्हें एक कानूनी रूप से वैध टैक्स से परेशानी होगी, नोटबंदी के बाद पब्लिक सेक्टर बैंकों के पास पर्याप्त मात्रा में कर्ज देने की क्षमता है। आने वाले महीनों में और भी कई बैंकिंग सुधारों की घोषणा की जाएगी।
उन्होंने आगे बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी बैंकों के लिए 2.11 लाख करोड़ की पुन: पूंजीकरण की योजना को मंजूरी दे दी है, सौभाग्य योजना के तहत हर घर में बिजली पहुंचाने की भी कोशिश की जाएगी और रेलवे की व्यवस्था में भी सुधार लाने की कोशिश की जाएगी।