सौम्या केसरवानी। Navpravah.com
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मे बाब राघव दास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के चलते लगभग 48 घंटे में 30 मासूम की जान जा चुकी है | इस घटना के पीछे की वजह बताई जा रही है कि अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी का समय पर भुगतान नहीं किया गया था जिसके चलते उन्होंने हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी थी जिसके चलते ये बड़ा हादसा हुआ है।
ऐसे में इसी अनहोनी को होने से टालने के लिए डॉ कफील रात भर केवल अपने बलबूते पर ज्यादा से ज्यादा मरीजों को बचाने में लगे रहे, एक खबर के अनुसार गुरुवार की रात करीब दो बजे डॉ कफील को सूचना मिली कि कुछ देर में ऑक्सीजन खत्म हो जाएगी। ये बात सुनने की देरी ही थी कि डॉक्टर काफील को अंदाज़ा हो गया कि मामला काफी संगीन रुख ले सकता है, बिना वक़्त जाया किये डॉक्टर ने आनन फानन में ऑक्सीजन के तीन सिलेंडर अपनी गाड़ी में लेकर शुक्रवार की रात तीन बजे सीधे बीआरडी अस्पताल पहुंच गए।
बताया जा रहा है कि इन तीन सिलिंडरों से बालरोग विभाग में सिर्फ 15 मिनट ऑक्सीजन की ही आपूर्ति की जा सकी, इन तीन सिलेंडरों से रातभर किसी तरह से काम चल पाया गया, लेकिन सुबह सात बजे एक बार फिर ऑक्सीजन खत्म होते ही अस्पताल में स्थिति गंभीर हो गई।
लेकिन सोशल मीडिया पर जिस डॉक्टर को बतौर हीरो देखा जा रहा है, असर मे वो शैतान है, कुछ समय पहले डॉक्टर कफील खान अपने ही अस्पताल में काम करने वाली एक मुस्लिम नर्स के साथ बलात्कार के केस में 1 साल के लिए जेल जा चुके हैं|
इतना ही नहीं डॉक्टर कफील खान जिसे एक नायक और उद्धारकर्ता के रूप में चित्रित किया जा रहा है, वो 2009 में राष्ट्रीय बोर्ड की परीक्षा में एक दुसरे छात्र के नाम से परीक्षा देने के चलते गिरफ्तार किया गया था, मणिपल विश्वविद्यालय द्वारा उनके खिलाफ उस आपराधिक मामले के लिए उन्हे निलंबित कर दिया गया था और उच्च न्यायालय ने इस फैसले को बरकरार रखा था।
डॉ. काफिल को पद से हटा दिया गया है, उन पर दायित्वों में लापरवाही बरतने के आरोप लगे हैं। बच्चों की जान बचाने के लिए मीडिया और सोशल मीडिया में डॉ. कफील हीरो बने हुए हैं, मगर बाद में उनका यह पहलू भी उजागर हुआ, पता चला कि वे इससे पहले विवादों में घिरे रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो उन्होंने बंद कमरे में पूरे स्टाफ की क्लास लगाई। डॉ, पूर्णिमा और बाल रोग विभाग के एचओडी से पूछा कि एक दिन में कितने सिलेंडर की जरूरत होती है तो उन्होंने बताया कि 21, इस पर योगी ने डॉ. काफिल से पूछा कि जब 21 सिलेंडर की जरूरत होती है तो फिर तीन सिलेंडर की व्यवस्था करके मीडिया में हीरो बनने चले गए। तुम बाहर कैंपस में फोटो खिंचाने में बिजी रहे, अंदर बाकी साथी चिकित्सक इलाज कर रहे थे। सब फोटो खिंचाने लगेंगे तो इलाज कौन करेगा। सूत्र ने बताते हैं कि योगी ने फटकारते हुए कहा कि अगर आप लोग जिम्मेदारी से काम किए होते तो ऐसी नौबत ही नहीं आती, क्या पहले से नहीं पता था कि आक्सीजन कम होने वाला है। एक तो खुद संकट पैदा किया और ऊपर से सिलेंडर की फोटो खिंचाकर हीरो बनने की कोशिश की। इसके बाद योगी के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज के डॉ. काफिल को वार्ड प्रभारी पद से हटा दिया गया।