अनुज हनुमत
श्रीनगर। भारत का जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर के कई स्थानों पर हिंसा की घटनाएं हुईं। हिजबुल मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर बुरहान वानी की मौत के विरोध में कुलगाम में भीड़ ने पुलिस चौकियों, सुरक्षा बलों और भाजपा कार्यालय पर हमला बोला। घाटी में हिंसा यहीं नही रुकी, इसके बाद कुछ और झड़पों की खबरे भी आईं। इस पूरी हिंसा के दौरान तीन पुलिसकर्मियों समेत कुल 11 लोग घायल हुए हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि युवकों के समूहों ने अनंतनाग जिले के बांदीपोरा, काजीगुंड और लारनू में पुलिस चौकियों और पुलिस थानों पर पथराव किया। इसके बाद कुलगाम जिले के धमहाल हांजीपोरा तथा मीर बाजार और बारामला जिले के सोपोर के वारपोरा में भी हिंसक प्रदर्शन हुए। अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के वेसु क्षेत्र में अल्पसंख्ययक समुदाय की सुरक्षा में तैनात पुलिस बल पर भी हमला किया गया। उन्होंने बताया कि कुलगाम जिले के नीलो-बुगम क्षेत्र में भीड़ ने भाजपा कार्यालय पर भी हमला किया, जिसके कारण इमारत को काफी नुकसान पहुंचा है।
भाजपा कार्यालय पर हुए इस हमले की गूँज दिल्ली तक पहुँचते देर नहीं लगी। दक्षिण कश्मीर के बारामुला जिले के शीरी, क्रीरी, डेलिना, पट्टन और पालहालन क्षेत्रों में भी पथराव की घटनाएं हुईं। अधिकारी ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के अवंतिपुरा के शरीफाबाद और बारसू इलाकों में भी हिंसक प्रदर्शन हुए। उन्होंने बताया कि खबरें आने तक झड़पों में 11 लोगों को चोट पहुंची है, इनमें से तीन पुलिसकर्मी हैं। शहर के विभिन्न इलाकों से प्रदर्शन की छिटपुट घटनाओं की भी खबर है।
ऐहतियाती तौर पर हड़ताल का आह्वान करने वाले शीर्ष के अलगावावादी नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। अब देखना दिलचस्प होगा की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अलगावादियों के विरुद्ध क्या रणनीति अपनाती हैं ।