‘आयुर्वेद दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा धनतेरस

शिखा पाण्डेय,

केन्‍द्र सरकार ने अब धनतेरस को ‘राष्‍ट्रीय आयुर्वेद दिवस’ मनाने का फैसला किया है। नरेंद्र मोदी सरकार के आयुष विभाग द्वारा इस संबंध में सभी राज्‍यों को एक सर्कुलर भेजा गया है, जिसमें कहा गया है कि इस प्राचीन विज्ञान को बेहद नजरअंदाज किया गया है। धनवंतरि आयुर्वेद के देवता हैं। इसलिए धनव‍ंतरि जयंती या धनतेरस को राष्‍ट्रीय आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है।

राज्‍य आयुष निदेशालयों, आयुर्वेद शिक्षा संस्‍थानों और फार्मास्‍यूटिकल कंपनियों द्वारा इस अवसर पर सार्वजनिक चर्चा, सेमिनार और प्रदर्शन लगाए जाएंगे।

आयुर्वेद, योग और नेचुरोपैथी, यूनानी सिद्ध और होम्‍याेपैथी मंत्रालय (आयुष) के सलाहकार मनोज निसारी ने द इंडियन एक्‍सप्रेस को बताया कि देशभर के राज्‍यों को इस फैसले के बारे में जानकारी दे दी गई है और इसकी थीम ‘मधुमेह से बचाव और नियंत्रण के लिए आयुर्वेद’ होगी।

निसारी ने बताया कि धनवंतरि आयुर्वेद के देवता हैं और यह उचित होगा कि राष्‍ट्रीय आयुर्वेद दिवस धनव‍ंतरि जयंती या धनतेरस पर मनाया जाए। निसारी ने कहा कि इस मौके पर हेल्‍थ चेक-अप कैंप और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।

कई आयुर्वेद विशेषज्ञों और डॉक्‍टरों ने फैसले का स्‍वागत किया है। हालांकि ताराचंद अस्‍पताल के मैनेजिंग ट्रस्‍टी और नेशनल इंटीग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्‍यक्ष डाॅ. सुहास परचुरे का कहना है कि आयुर्वेद तंत्र को उसकी महत्‍ता मिलनी चाहिए। आयुर्वेद एक प्राचीन भारतीय चिकित्‍सा विधि है लेकिन आयुर्वेद‍िक दवाइयां अन्‍य देशों को नहीं भेजी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद दिवस मनाने के साथ ही यदि सरकार अन्य पहलुओं पर भी गौर करे, तो बेहतर होगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.