न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
पिछले 10 दिनों में देश में तीन रेल हादसे हुए. नागपुर-मुंबई दूरंतो एक्सप्रेस के पांच डिब्बे और इंजन मंगलवार सुबह महाराष्ट्र के टिटवाला के पास पटरी से उतर गए. दुर्घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, जबकि ज़ख़्मी लोगों को तत्काल नज़दीकी अस्पताल पहुंचाया गया.
इस हादसे की असली वजह तो अभी नहीं पता चली, लेकिन ऐसी आशंका जताई जा रही है कि लैंडस्लाइड इसकी वजह हो सकती है. हादसे के समय इस इलाके में तेज़ बारिश हो रही थी, कल्याण से रेस्क्यू टीम के पहुंचने के पहले ही स्थानीय लोगों ने घटनास्थल पर पहुँच कर लोगों की मदद की. एक स्थानीय ने बताया कि जब हम बचाव के लिए घटनास्थल पर गए तो देखा एसी कोच में बिजली का झटका भी लग रहा था.
इससे पहले यूपी के मुजफ्फरनगर के खतौली में हरिद्वार से पुरी के बीच चलने वाली कलिंग उत्कल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. इस हादसे में 21 यात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि 97 यात्री घायल हुए थे. इसके अलावा औरैया जिले में कैफियत एक्सप्रेस के डीरेल होने से 74 लोग घायल हो गए थे. इन हादसों के बाद खबरें तेज़ हो गईं थी कि अब रेल मंत्रालय की ज़िम्मेदारी नितिन गडकरी को सौंपी जा सकती है और रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बाकायदा ट्वीट कर घटना की नैतिक ज़िम्मेदारी लेते हुए इस्तीफे की पेशकश भी की थी.
12290 Nagpur-CSMT Duranto Exp derailed between Asangaon and Vasind. No injuries to any Passengers. @RailMinIndia pic.twitter.com/MrfYGbJj8d
— Central Railway (@Central_Railway) August 29, 2017
अब इस हादसे के बाद रेल प्रशासन पर प्रश्न खड़ा हो रहा है कि दो बड़े हादसों के बाद भी कैसे इतनी बड़ी लापरवाही की जा रही है. हादसे के बाद लोकल रेलगाड़ियां लगभग एक घंटे से भी ज़्यादा विलम्ब से चल रही हैं, जिसकी वजह से लाखों लोगों को यात्रा करने में भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. इस हादसे के बाद सोशल मीडिया पर एक बार फिर से रेलमंत्री सुरेश प्रभु निशाने पर हैं, कोई उन्हें डीरेल मंत्री कह रहा है तो कुछ लोग बीजेपी सरकार पर तंज कसते नज़र आ रहे हैं.