न्यूज़ डेस्क । Navpravah.com
जस्टिस दीपक मिश्रा ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के 45वें मुख्य न्यायधीश के पद की शपथ ली। जस्टिस मिश्रा पूर्व CJI जे.एस. खेहर की जगह चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया बने। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें CJI पद की शपथ दिलाई। उनका कार्यकाल 2 अक्टूबर 2018 तक रहेगा। उल्लेखनीय है कि जस्टिस दीपक मिश्रा के चाचा जस्टिस रंगनाथ मिश्र भी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं।
कौन हैं जस्टिस दीपक मिश्रा-
ओडिशा के रहने वाले जस्टिस मिश्रा का जन्म 3 अक्टूबर 1953 को हुआ था। जस्टिस दीपक मिश्रा ने 1977 में ओडिशा हाईकोर्ट से बतौर वकील, करियर की शुरुआत की थी। इसके बाद 1996 में वह ओडिशा हाईकोर्ट के जज बने। वर्ष 2009 में जस्टिस दीपक मिश्रा ने पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का पदभार संभाला। बिहार के तत्कालीन राज्यपाल देवानंद कुंवर ने 24 दिसंबर 2009 को उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई थी।
आपको बता दें कि जस्टिस मिश्रा समेत बाकी तीन जजों ने याकूब मेमन की फांसी रोकने की अपील याचिका को ठुकराते हुए आधी रात को चली सुनवाई में उनकी फांसी की सजा को बरकरार रखा था। 1993 के मुंबई बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन को फांसी की सजा सुनाने पर जस्टिस दीपक मिश्रा को एक धमकी भरा खत मिला था। इस खत में लाल पेन से लिखा हुआ था, “हम तुम्हें नहीं छोड़ेंगे।” 30 जुलाई को याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के बाद से जस्टिस दीपक मिश्रा और इस फैसले में साथ रहे उनके दो साथियों की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।